शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 16 से 18 जून तक अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष’ शुरू होने जा रहा है। इस उत्सव की शुरुआत गेयटी थियेटर शिमला के मुख्य सभागार में होगी। उत्सव में देश-विदेश से करीब 425साहित्यकार, लेखक और जाने माने विद्वान भाग ले रहे हैं। उत्सव में 32 एलजी बीटीक्यु लेखक,40 आदिवासी भाषाओं, 25 उतर पूर्व लेखक, 9 प्रवासी, 9 विदेशी लेखकों सहित 24 भारतीय के 300 लेखक उपस्थित रहेंगे.भाषाओं में अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। आजादी के अमृत महोत्सव’ की कड़ी में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में ये उत्सव हो रहा है।
16 जून को 12 बजे पहला कार्यक्रम ‘साहित्य और स्त्री सशक्तीकरण विषय’ पर होगा। 16 जून दोपहर बाद 2:30 से 4:00 बजे के बीच किरण बेदी ‘मेरे लिए साहित्य के मायने’ विषय पर संवाद में भाग लेंगी। जाने-माने गीतकार गुलजार 16 जून को शाम 4:50 से 6:00 बजे के बीच ‘साहित्य और सिनेमा’ विषय पर परिचर्चा की अध्यक्षता करेंगे। इस सत्र की अध्यक्षता अर्जुन राम मेघवाल करेंगे। 17 जून को गुलजार के साथ विशाल भारद्वाज की बातचीत भी आकर्षण का हिस्सा होगी। 17 जून के सत्र में आदिवासी लेखकों के समक्ष चुनौतियों एवं रचनापाठ की अध्यक्षता अनिल बर, गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं में वाचिक महाकाव्य की महेंद्र कुमार मिश्र, साहित्य एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एसएल भैरप्पा, बहुभाषी कविता पाठ की माधव कौशिक, अस्मिता लेखिका सम्मिलन की पारमिता सतपथी, मीडिया, साहित्य एवं स्वाधीनता आंदोलन पर बलदेव भाई शर्मा अध्यक्षता करेंगे।
गीतांजलि श्री 18 जून को वायसराय सभागार में अभिव्यक्ति के इस उत्सव में विशेष रूप से बोलेंगी। 18 जून को ही ‘मैं क्यों लिखता हूं, लिखती हूं’ की अध्यक्षता रघुवीर चौधरी करेंगे। इस तरह से कार्यक्रमों की एक लंबी रूपरेखा बनाई गई है। उपन्यास ‘टोंब ऑफ सैंड’ के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित जानी-मानी लेखिका गीतांजलि श्री ‘भारतीय भाषाओं में महिला लेखन’ पर विचार रखेंगी।
अमेरिका से विजय शेषाद्रि, चित्रा बैनर्जी दिवाकरुणी, मंजुला पद्मनाभन, मेडागास्कर से अभय के. दक्षिण अफ्रीका से अंजू रंजन, यूके से दिव्या माथुर, सुनेत्र गुप्ता, नीदरलैंड से पुष्पिता अवस्थी और नॉर्वे से सुरेश चंद्र शुल्क ‘प्रवासी भारतीय साहित्यिक अभिव्यक्तियां’ विषय पर होने जा रहे संवाद में भाग लेंगे। इसकी विजय शेषाद्रि अध्यक्षता करेंगे।