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करुणामूलक संघ ने निकाली आक्रोश रैली, बोले- सरकार ने नौकरी नहीं दी तो ‘रिवाज़’ नहीं ‘राज’ बदलेंगे

करुणामूलक आश्रितों को शिमला में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे पूरा एक साल होने को आया है, लेकिन अभी तक उनकी कोई आवाज सरकार ने नहीं सुनी है.

डेस्क |

करुणामूलक आश्रितों को शिमला में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे पूरा एक साल होने को आया है, लेकिन अभी तक उनकी कोई आवाज सरकार ने नहीं सुनी है. संघ ने आज शेर-ए पंजाब से डीसी ऑफिस तक आक्रोश रैली निकाली और सरकार को चेतावनी दी है कि प्रदेश में सरकार बदलने का रिवाज तभी बदलेगा जब करुणामूलक नौकरियां बहाल होंगी.

करुणामूलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि आश्रित एक साल से नौकरी की मांग को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं. लेकिन, सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनकी सुध लेने नहीं आया है. सरकार आगामी केबिनेट में उनकी मांग को पूरा करें और उन्हें वार्ता के लिए बुलाए. अजय ने कहा कि यह सरकार चार सालों से सोई है. संघ लगातार उन्हें उठाने का प्रयास कर रहा है. मुख्यमंत्री कहते हैं कि इस बार रिवाज़ बदलेंगे लेकिन अगर उनकी मांग मानी नहीं जाती है तो वह सरकार का राज बदलेंगे. सरकार ने उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया है सरकार को बनाने में उनका योगदान रहा था अब मांगे न मानने की स्थति में वह इसे सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे.

गौरतलब है कि उपचुनावों में हुई हार के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से लगभग 2 घंटो की बातचीत की थी और उस बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि करुणामूलक आधार पर होने वाली भर्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. क्योंकि, इससे न केवल मृतक के परिजनों को लाभ होगा बल्कि जरूरतमंदों को रोजगार भी मिलेगा. लेकिन उस के बाद भी करूणामूलक आश्रितों को सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए पिछले एक साल से एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा हैं. संघ ने शुक्रवार को अपनी आक्रोष रैली में ये कह तो दिया है कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो इस बार वो रिवाज़ नहीं राज बदलेंगे. लेकिन अब देखना ये होगा कि क्या सरकार इन आश्रितों कि मांगो को पूरा करेगी यां करूणामूलक राज बदलने में कामयाब होंगे.