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9 वर्षों बाद पूर्णिमा के दिन लगा चंद्रग्रहण, इन बातों का रखें ध्यान

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शिमला: शनिवार देर रात जब पूर्णिमा का का चांद अपने पूर्ण वैभवशाली रूप में होगा उसी वक्त ग्रहण की छाया भी उस पर पढ़ेगी. करीब 9 वर्षों के बाद विश्व इस खगोलीय घटना का साक्षी बनेगा. शनिवार की देर रात करीब 1:00 बजे के बाद चंद्र ग्रहण की घटना दर्ज की जाएगी जिसका प्रभाव तकरीबन डेढ़ घंटे तक देखने को मिलेगा. जहां विज्ञान की नजरों से यह महज़ एक खगोलीय घटना है, तो वहीं हिन्दू परंपराओं के अनुसार भी ग्रहण का अपना महत्व है. माना जाता है कि इस तरह की खगोलीय घटनाओं का मानव जीवन में भी गहरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में इस दौरान कई धार्मिक और व्यवहारिक कार्य करने की भी मनाही की जाती है. इस बारे में ज्योतिष आचार्य उमेश नौटियाल ने जानकारी साझा की.

शिमला के राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी और ज्योतिषाचार्य उमेश नौटियाल ने बताया कि देर रात 01: 05 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा और इसका प्रभाव 02 : 23 मिनट तक रहेगा. उन्होने बताया की इस ग्रहण के चलाते चंद्रमा के 10 से 15 प्रतिशत भाग पर ग्रहण की छाया पड़ेगी लेकीन पूरे विश्व पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा की ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र पर देखने को मिलेगा जिसके चलते इस राशि के जातकों को के लिए ग्रहण अधिक कष्टदाई हो सकता है.

उन्होंने कहा कि ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, जिसके चलते शाम 4:05 के बाद किसी भी तरह के धार्मिक कार्य करने से परहेज करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस दौरान किसी प्रकार की पूजा पाठ या अनुष्ठान नहीं करना चाहिए. वहीं आज पूर्णमासी का मौका है ऐसे में व्रत की भी परंपरा है. उन्होने कहा की जो भी लोग व्रत कर रखते हैं उन्हें 4:00 बजे से पहले व्रत का उद्यापन कर लेना चाहिए और आज के दिन चंद्रमा को अर्घ देने से भी परहेज करना चाहिए.