प्रदेश सरकार ने राज्य में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने और आर्थिक सेहत में सुधार के लिए अनेक महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं। फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए भी हर क्षेत्र में नई पहल की गई हैं।
व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ कार्यरत प्रदेश सरकार ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग की कार्य कुशलता को बढ़ाने के लिए भी अनेक कदम उठाए हैं।
देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रशासन के लिए धोखाधड़ी से पंजीकरण रोकना सबसे बड़ी चुनौती बना है। जीएसटी प्रणाली में धोखाधड़ी से किए गए पंजीकरण से सरकारी राजस्व को भारी नुकसान होता है।
इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार के राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने भी जीएसटी राजस्व की सुरक्षा और वृद्धि के लिए कई पहल की हैं।
जीएसटी प्रणाली में धोखेबाजों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए विभाग ने पंजीकरण आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों के उचित सत्यापन के बाद मैन्युअल मोड में जीएसटी पंजीकरण के शत-प्रतिशत अनुमोदन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा, विभाग जोखिमपूर्ण समझे जाने वाले पंजीकरणकर्ताओं के भौतिक सत्यापन के लिए भी उचित उपाय कर रहा है।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग कर चोरी की पहचान करने और उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके दृष्टिगत विभाग द्वारा केंद्रीय कर अधिकारियों के साथ भी समन्वय के साथ कार्य किया जा रहा है। धोखाधड़ी करने वाले करदाताओं का शीघ्र पता लगाने के लिए विभाग द्वारा राज्य मुख्यालय में पुख्ता व्यवस्था स्थापित की जा रही है ताकि कर चोरी के मामलों को प्रथम चरण में ही रोके जाने के साथ ही राजस्व हानि को कम किया जा सके।
स्वस्थ कार्य वातावरण बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए विभाग ने कर चोरी के मामलों का शीघ्र पता लगाने, कर प्रशासकों की क्षमता निर्माण, राजस्व वृद्धि की गुंजाइश वाले क्षेत्रों की पहचान व क्षेत्र संरचनाओं के प्रदर्शन की निगरानी में सुधार और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत करने के लिए जीएसटी के तहत राजस्व वृद्धि के लिए नई पहल की हैं।
जीएसटी मुआवजे के घाटे को कम करने के लिए सरकार द्वारा जीएसटी राजस्व वृद्धि परियोजना आरम्भ की गई है। इस परियोजना से सामान्य राजस्व वृद्धि के अलावा लगभग 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व वृद्धि अपेक्षित है।
प्रदेश सरकार कर अनुपालना में गुणात्मक सुधार लाने के लिए भी निरंतर प्रयास कर रही है। इसके दृष्टिगत व्यापारियों, निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा व्यापारियों को सुविधा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने सद्भावना योजना-2023 शुरू की है। इसके तहत सामान्य बिक्री कर, केंद्रीय बिक्री कर और प्रवेश शुल्क इत्यादि अधिनियमों के तहत लम्बित मामलों का निपटारा सुनिश्चित किया जा रहा है।
कर चोरी मामलों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ विभाग के अधिकारियों की दक्षता और क्षमता बढ़ौतरी के लिए पुनच्श्रर्या कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इसके साथ-साथ राज्य कर एवं आबकारी विभाग राजस्व वृद्धि के लिए जीएसटी परिषद के साथ भी विभिन्न मामलों को निरंतर उठाता रहा है। उपभोक्ताओं और अन्य अपंजीकृतों द्वारा 50 हजार रुपये से अधिक की खरीद के आपूर्ति स्थान को रिकार्ड करने के लिए जीएसटी परिषद की मंजूरी प्राप्त करने में भी विभाग सफल रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों से राजस्व वृद्धि में मदद मिल रही है। इससे प्रदेश के विकास और प्रगति मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है।