मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में हिमक्राफ्ट, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम तथा कला, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा दिल्ली हाट में 17 से 30 दिसम्बर तक आयोजित किये जा रहे ‘हिम महोत्सव’ का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर पहाड़ी संस्कृति एवं इसकी विशिष्टता को बढ़ावा देने के लिए नवीन पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचली टोपियों में नए डिजाइन बनाने के प्रयास किए गए और हाल की उनकी दुबई यात्रा के दौरान इनका प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार हिमाचली टोपियों के निर्यात के लिए प्रयास कर रही है, जिसे दुबई में भी निवेशकों द्वारा सराहा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम महोत्सव में प्रदेश के कारीगरों व बुनकरों को अपने उत्पाद बेचने का एक प्रभावी मंच उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी में बड़े ऑर्डर प्राप्त करने में मदद मिलेगी जिससे कारीगरों की व्यावसायिक गतिविधियों को विस्तार मिलने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी मज़बूत होगी। उन्होंने कहा कि हिम महोत्सव में लगाए गए 60 स्टॉल और हिमाचली लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होंगे।
उन्होंने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश की अनूठी कला, संस्कृति और व्यंजनों को प्रदर्शित करने और इसके अनूठे उत्पादों और हस्तशिल्प को एक ब्रांड के रूप में बढ़ावा देने और देश-विदेश में पहचान दिलवाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता सभी को आकर्षित करती है और मैदानी इलाकों की तुलना में सर्दियों में प्रदेश में मौसम बहुत अच्छा होता है। उन्होंने राज्य में विशेषकर साल के आखिरी सप्ताहांत में सर्दियों का आनंद लेने के लिए पर्यटकों का स्वागत किया और कहा कि विंटर कार्निवल उनके लिए एक अतिरिक्त आकर्षण होगा।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिम महोत्सव हिमाचल प्रदेश की कला, संस्कृति और व्यंजनों का जश्न मनाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि हिम क्राफ्ट ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले और जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जहां राज्य के हस्तशिल्प, हथकरघा और व्यंजनों को काफी सराहा गया और अच्छी बिक्री दर्ज की गई। उन्होंने हिमक्राफ्ट की गतिविधियों और सरकार द्वारा कारीगरों और बुनकरों को दी जा रही सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने अपने स्वागत सम्बोधन में आयोजन के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में अवगत करवाया।
हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जतिन लाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।