प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजूकेशन (डीएलएड) किए बिना पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। केंद्र सरकार ने डीएलएड नहीं करने वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च, 2019 तक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी करने का आखिरी मौका दिया है। जो शिक्षक निरधारित अवधि तक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को पूरी नहीं करतो हैं तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
इसको लेकर केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में संसद में बिल भी पास कर दिया है। शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया के तहत डीएलएड प्राप्त शिक्षकों को तवज्जो दी जा रही है, लेकिन पुराने शिक्षकों के पास कोई शैक्षणिक योग्यता नहीं है। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने देश के सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी करने के आदेश जारी किए हैं।
शिक्षा के अधिकार के संशोधन बिल 2017 के तहत पहली से 5वीं तक की कक्षाओं को पढ़ाने वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड करना अनिवार्य कर दिया गया है।
डीएलएड करने के लिए अप्रशिक्षित शिक्षकों को NIOS पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करवाना होगा। 16 अगस्त से 15 सितंबर तक पंजीकरण होगा। जो शिक्षक निर्धारित तारीख तक पंजीकरण नहीं करवाएंगे, उनकी नौकरी जाना तय है।
वहीं, केंद्र सरकार से आदेश मिलने के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर डीएलएड नहीं करने वाले शिक्षकों का ब्यौरा 16 अगस्त तक मांगा है। इन शिक्षकों को केंद्र सरकार के नए आदेशों से अवगत करवाने के भी उपनिदेशकों को आदेश दिए गए हैं। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा मनमोहन शर्मा ने इसकी पुष्टि की है।