➤ किन्नौर में पहली बार दर्ज हुआ Yellow Bittern
➤ वरिष्ठ वनरक्षक संतोष ठाकुर ने कैमरे में कैद किया दुर्लभ पक्षी
➤ पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन अध्ययन के लिए अहम रिकॉर्ड
पराक्रम चंद
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के रक्छम क्षेत्र में आज एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ, जब Yellow Bittern (Ixobrychus sinensis) का पहली बार रिकॉर्ड किया गया। यह क्षेत्र रक्छम-छितकुल वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के अंतर्गत आता है। वरिष्ठ वनरक्षक संतोष ठाकुर ने पेट्रोलिंग के दौरान इस दुर्लभ प्रजाति को अपने कैमरे में कैद किया, जबकि वन मित्र अल्पना नेगी भी मौके पर मौजूद रहीं।

यह पक्षी सामान्यतः दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के निचले इलाकों के दलदली क्षेत्रों और सरकंडों से भरे जलाशयों में पाया जाता है। लेकिन लगभग 3,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित रक्छम में इसकी मौजूदगी बेहद असामान्य और महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञ इसे 2021 में लाहौल-स्पीति के काज़ा क्षेत्र में दर्ज हुए एक समान रिकॉर्ड की याद दिलाने वाला मान रहे हैं।
पक्षियों के वितरण में ऐसे अपवाद इस बात की ओर संकेत करते हैं कि प्रजातियां अपने आवास को लेकर लचीली हैं। यह जलवायु परिवर्तन, प्रवासी पैटर्न और अब तक कम खोजे गए आवासों पर गहन अध्ययन की आवश्यकता को दर्शाता है।
Yellow Bittern एशिया के कई हिस्सों में पाया जाता है, जिनमें भारतीय उपमहाद्वीप, पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और इंडोनेशिया शामिल हैं। इसके प्रजनन क्षेत्र उत्तरी भारत से लेकर जापान और इंडोनेशिया तक फैले हैं। लेकिन हिमालय जैसे ऊँचाई वाले क्षेत्रों में इसकी उपस्थिति स्थानीय जैव-विविधता प्रोफ़ाइल को और समृद्ध करती है।
यह खोज न केवल किन्नौर की पारिस्थितिकी के लिए ऐतिहासिक मानी जाएगी बल्कि संरक्षणवादियों और शोधकर्ताओं को भी नई दिशा प्रदान करेगी।



