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दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मुमकिन नहीं, कैबिनेट की सलाह से काम करे LG: SC

समाचार फर्स्ट डेस्क |

दिल्ली में अधिकारों को सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) को सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बड़ा झटका दिया है। पीठ ने साफतौर पर कहा कि दिल्ली की स्थिति अलग है, ऐसे में पूर्ण राज्य का दर्जा मुमकिन नहीं है। उपराज्यपाल वहीं पर स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं, जहां उन्हें संविधान ये अधिकार देता है, यह भी कहा कि एलजी दिल्ली सरकार के फैसले को नहीं अटका सकते। उपराज्यपाल हर फैसला राष्ट्रपति के पास नहीं भेज सकते हैं। साथ ही फैसले में यह भी जोड़ा है कि पहले नौ न्यायाधीशों के फैसले को देखते हुए दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं हो सकता है।

इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार मिल-जुलकर काम करें। केंद्र और राज्य के बाद संबंध बेहतर होने चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि संविधान का पालन करना सबकी जिम्मेदारी है। वहीं, संविधान पीठ के एक अन्य जज चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनी हुई सरकार की जवाबदेही ज्यादा है।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने उपराज्यपाल को दिल्ली का प्रशासनिक मुखिया घोषित करने के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अपीलीय याचिका में दिल्ली की चुनी हुई सरकार और उपराज्यपाल के अधिकार स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है।