तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए गए अपने बयान पर माफी मांगी है। दलाई लामा ने कहा, मेरा बयान अचानक विवादास्पद हो गया और अगर कुछ ग़लत है तो मैं माफ़ी मांगता हूं। बुधवार को गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के एक कार्यक्रम में दलाई लामा ने दावा किया महात्मा गांधी चाहते थे कि मोहम्मद अली जिन्ना प्रधानमंत्री बनें लेकिन पंडित नेहरु इसके लिए तैयार नहीं हुए।
तिब्बती गुरू का कहना था कि मेरा मानना है कि सामंती व्यवस्था के बजाय प्रजातांत्रिक प्रणाली बहुत अच्छी होती है। सामंती व्यवस्था में कुछ लोगों के हाथों में निर्णय लेने की शक्ति होती है, जो बहुत खतरनाक होता है। उन्होंने कहा, अब भारत की तरफ देखें। मुझे लगता है कि महात्मा गांधी जिन्ना को प्रधानमंत्री का पद देने के बेहद इच्छुक थे, लेकिन पंडित नेहरू ने इसे स्वीकार नहीं किया। दलाई लामा के इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था। कई राजनीतिक दलों ने इस बयान पर आपत्ति जताई थी। इस पर कांग्रेस नेता शाक्ति सिंह गोहिल ने नेहरू और जिन्ना को लेकर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के बयान के पीछे केन्द्र की मोदी सरकार का हाथ होने की आशंका जताई है।