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रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद: दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

समाचार फर्स्ट |

सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक नजरिए से बेहद संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में दायर अपीलों पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। यह मामला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष लिस्टेड है, जिस पर शुक्रवार सुबह से सुनवाई शुरू हो सकती है। इस दौरान पीठ मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय न्यायमूर्तियों की पीठ भी गठित कर सकती है।

गौरतलब है कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि का सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से बंटवारा करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 29 अक्टूबर को कहा था कि यह मामला जनवरी के प्रथम सप्ताह में उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा, जो इसकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करेगी। बाद में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने एक अर्जी दायर कर सुनवाई की तारीख पहले करने का अनुरोध किया था, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि 29 अक्टूबर को ही इस मामले की सुनवाई के बारे में आदेश पारित किया जा चुका है। हिन्दू महासभा इस मामले में मूल वादकारियों में से एक एम सिद्दीक के वारिसों द्वारा दायर अपील में एक प्रतिवादी है। इससे पहले 27 सितंबर 2018 को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2-1 के बहुमत से 1994 के एक फैसले में की गई अपनी टिप्पणी पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को पांच न्यायमूर्तियों की खंडपीठ के पास भेजने से इंकार कर दिया था।

अनेक हिन्दूवादी संगठन विवादित स्थल पर राम मंदिर के जल्द निर्माण करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच शीर्ष अदालत में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ही कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अध्यादेश लाने के बारे में निर्णय किया जा सकता है।