आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन वाले बिल मंगलवार को लोकसभा में पास होने के बाद आज बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इसके लिए राज्यसभा का सत्र एक दिन यानी 9 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि इस बिल को राज्यसभा में इस बिल को पास करवाने के लिए मोदी सरकार को थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
विपक्षी पार्टियों ने अपने सभी सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इस पर कड़ा रुख अपना सकती हैं। दोपहर 2 बजे के करीब बिल को राज्यसभा में चर्चा के लिए रखा जाएगा। बिल को लेकर राज्यसभा में आज हंगामें के आसार लग रहे हैं।
इससे पहले सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया और 5 घंटे तक चली लंबी चर्चा के बाद इसे आसानी से पास भी करा लिया गया। सदन में मौजूद 326 सांसदों में से 323 ने समर्थन में वोट दिए, जबकि 3 ने विरोध में। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
सरकार के सामने मुश्किल
राज्यसभा में बीजेपी के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं। राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है। राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए सरकार को 163 सांसदों का समर्थन चाहिए। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में 92 सांसद हैं। अगर कांग्रेस, आप, समाजवादी पार्टी, बीएसपी और एनसीपी सरकार के साथ आते हैं तो आंकड़ा 166 तक पहुंचेगा।