देश के प्रमुख राजनीतिक दल शिवसेना ने सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के को बैन करने की मांग की है। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया है कि बुर्के पर प्रतिबंध लगाया जाए। शिवसेना ने श्रीलंका में ईस्टर संडे पर आतंकवादी हमलों के बाद वहां की सरकार द्वारा भी ऐसा ही नियम लाने की योजना बनाए जाने का हवाला दिया है। हमलों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे।
पार्टी ने अपने मुखपत्रों 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में कहा, ‘इस प्रतिबंध की अनुशंसा आपातकालीन उपाय के तौर पर की गई है जिससे कि सुरक्षा बलों को किसी को पहचानने में परेशानी ना हो। नकाब या बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कोलंबो के निकट डेमाटागोडा में कई महिला आत्मघाती हमलावर भी बुर्का पहन कर भाग गई थीं। वहां तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘सरकार ने कहा है कि, श्रीलंका में 1990 के शुरुआती दशक तक खाड़ी युद्ध से पहले मुस्लिम महिलाओं में नकाब या बुर्का का कोई चलन नहीं था। खाड़ी युद्ध में चरमपंथी तत्वों ने मुस्लिम महिलाओं के लिए यह परिधान बताया।’ आपको बता दें कि चाड, कैमरून, गाबोन, मोरक्को, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम और उत्तर पश्चिम चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है।