नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ग्रेनो के पी-4 सेक्टर स्थित यूपी पुलिस के एक एसपी के मकान पर छापा मारकर 1800 किलो ड्रग्स (Drugs) बरामद की है। इसकी कीमत 400 करोड़ रुपए आंकी गई है। एनसीबी ने दावा किया है कि देश में पकड़ी गई ड्रग्स की अब तक की सबसे बड़ी खेप है। इस मामले में दक्षिण अफ्रीकी मूल की एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार (Arrest) किया गया है। महिला ने पूछताछ में बताया कि ग्रेनो से ड्रग्स की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर और विदेशों में होती थी।
इससे पहले गुरूवार को ब्यूरो ने दिल्ली एयरपोर्ट पर दक्षिणी अफ्रीकी मूल की एक महिला को 24 किलो ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। वह दक्षिण अफ्रीका जाने की तैयारी में थी। उसी की निशानदेही पर एनसीबी ने उसी दिन ग्रेनो में छापा मारकर ड्रग्स का जखीरा बरामद किया। छापेमारी की कार्रवाई सुबह 9 बजे रात 12 बजे तक चली।
शनिवार को दिल्ली में प्रेसवार्ता करते हुए ब्यूरो ने बताया कि इस मामले की जानकारी एसएसपी से लेकर थानेदार तक को नहीं थी। यहां तक की एलआईयू भी पूरी तरह फेल साबित हुई। बताया गया कि यहां यह धंधा 3 साल से चल रहा था। इसके अलावा सेक्टर के लोग अफ्रीकी मूल के लोगों की शिकायत कर रहे थे।
ड्रग्स का धंधा जिस मकान से चल रहा था वह लखनऊ में तैनात एसपी देवेन्द्र पी. एन. पांडेय का है। फिलहाल वह वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात हैं। बताया गया कि उन्होंने एजेंट के माध्यम से मकान को किराये पर दिया था। हर माह 24 हजार रुपये किराया तय हुआ था। किरायेदारों पर बिजली व किराये का करीब 5 लाख रुपये बकाया हैं। उन्हें नहीं पता था कि मकान में यह सब हो रहा है।
ड्रग्स तस्करों ने किराये पर लिए मकान के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए थे। बताया जा रहा है कि इन कैमरों को मोबाइल से कनेक्ट किया गया था। अगर कोई मकान के आसपास भी आता तो उन्हें पता चल जाता था और सतर्क हो जाते थे। इस गैंग के सरगना दिल्ली व विदेशों में बैठकर अपने अड्डे पर नजर रखते थे। सेक्टर के लोगों व क्योस्क वाले ने बताया कि इस मकान में रहने वाले लोगों के पास अपनी गाड़ी नहीं थी। हमेशा कैब का इस्तेमाल करते थे। आसपास के लोगों से बात तक नहीं करते थे।