भारत से भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को यूके कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लिकर कंपनी डियाजियो को 13.5 करोड़ यानी 945 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया है। माल्या को इस रकम का 28 दिन में भुगतान करना होगा। कंपनी ने माल्या पर 17.5 करोड़ डॉलर का दावा किया था। माल्या के वकील ने कोर्ट में कहा कि कंपनी से डील करते वक्त डियाजियो ने मौखिक रूप से कहा गया था कि वह इतनी जल्दी कोई दावा नहीं करेगी। कोर्ट ने माल्या की बात को खारिज करते हुए कहा कि ब्याज सहित कंपनी पैसे लौटाने होंगे। डियाजियो ब्रिटेन की बड़ी लिकर कंपनी है।
यह मामला डिआजिओ द्वारा माल्या की कंपनी के अधिग्रहण से जुड़ा है। माल्या के वकील ने कहा था कि एग्रीमेंट के वक्त डिआजियो ने मौखिक रूप से भरोसा दिया था कि वह भारत में विवाद सुलझने तक अपनी रकम चुकाने का दावा नहीं करेगा। कोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी। फैसले के वक्त माल्या कोर्ट में मौजूद नहीं था। डिआजियो ने माल्या, बेटे सिद्धार्थ और परिवार से संबंधित दो कंपनियों पर भुगतान का दावा किया था। डिआजियो ने माल्या, बेटे सिद्धार्थ और परिवार से संबंधित दो कंपनियों पर भुगतान का दावा किया था। डिआजियो ने फरवरी 2016 में माल्या की कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड (यूएसएल) में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदने के लिए रकम चुकाई थी लेकिन वह शेयर एक्सेस नहीं कर पाई। माल्या की यूएसएल के कुछ शेयर ऋण वसूली प्राधिकरण (डीआरटी) ने कब्जे में ले लिए थे।
इसी मामले से जुड़े 4 करोड़ डॉलर (280 करोड़ रुपए) के दावे का केस भी चलेगा। डिआजियो ने माल्या को सीधे यह रकम दी थी। इस तरह उसने माल्या पर कुल 17.5 करोड़ डॉलर चुकाने का दावा किया था। माल्या के प्रत्यर्पण मामले में 2 जुलाई को यूके हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। एक बार अपील खारिज हो चुकी है। लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने पिछले साल माल्या के प्रत्यपर्ण की इजाजत दी थी। वहां के गृह सचिव ने भी मंजूरी दे दी जिसके खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट में अपील की थी।