सर्दियों के दिनों में पड़ने वाले कोहरे से फलदार पौधों को बचाना अति आवश्यक होता है। यह जानकारी उद्यान विभाग ऊना के उप निदेशक डॉ. सुभाष चंद ने दी। उन्होंने कहा कि कड़ाकेदार ठंड, शुष्क हवाएं व कोहरा पौधों की सेहत को प्रभावित करता है। छोटे पौधों की पत्तियों पर बर्फ की बूंदें जमने से उन्हें नुकसान पहुंचता है। मौसम ठीक होने पर यूं तो स्वस्थ पौधे ठीक हो जाते हैं, लेकिन कमजोर व क्षतिग्रस्त पौधे ठीक नहीं हो पाए। इसलिए सर्दी के दिनों में पौधों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
डॉ. सुभाष ने कहा कि फलदार पौधों को सर्दी के मौसम में कोहरा अधिक प्रभावित करता है, विशेष तौर पर 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक की अवधि के दौरान। इसके कारण पपीता, केला, आम, मिर्च, सागवान व बैंगन के पौधे अधिक प्रभावित होते हैं। कोहरे का प्रभाव आंबला, इमली व आलू पर भी पड़ता है। हालांकि लिची व अमरूद इससे कम प्रभावित होते हैं। कोहरे की मार प्रदेश के जिला हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, सिरमौर, कांगड़ा, सोलन, और मंडी में अधिक पड़ती है।
ऐसे करें पौधों की देखभाल
उन्होंने कहा कि कोहरे से छोटे पौधों का बचाव करने के लिए उन्हें घास, सरकंडे या टाट से ढक दें। उत्तर-पश्चिम से पौधा ढका जाए और पौधा दक्षिण-पूर्व दिशा से खुला रखना चाहिए ताकि पौधे को धूप और हवा मिलती रहे। जिन आम के पौधों पर कलम करनी है, उनमें कम से कम एक लीटर पानी हर तीसरे दिन देते रहें ताकि तौलिए में नमी बनी रहे। जिन बगीचों में सिंचाई सुविधा हो, उनमें सर्दियों में हल्की सिंचाई नियमित रूप से करें। सर्दियों से पहले या सर्दी के दौरान पौधों को नाइट्रोन खाद न डालें और विशेषज्ञों की सलाह के साथ पौधों को पोटाश खाद देने से उनमें कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है।