मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोरोना महामारी के मद्देनजर आज प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल, 2020 तक किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तब्लीगी जमात के सभी प्राथमिक और द्वितीयक संपर्कों की पहचान और परीक्षण किया जाना चाहिए और इस संबंध में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और लोगों से कहा गया है कि इसकी अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोग घर पर बने मास्क भी पहन सकते हैं। उन्होंने गैर सरकारी संगठनों से राज्य के लोगों को घर-घर मास्क उपलब्ध करवाने के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना भी अपराध बना दिया गया है और सरकार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तुओं और सब्जियों को ले जाने वाले ट्रकों और अन्य निजी गाड़ियों की आवाजाही पर पाबंदी नहीं लगाई जाए, जिनमें दो चालक और एक परिचालक शामिल हों। उन्होंने अधिकारियों को जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर लगातार नजर रखने और दोषी दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जयराम ठाकुर ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को अपनी फसल काटने की अनुमति दी जानी चाहिए और उन्हें खेतों में काम करते समय सामाजिक दूरी अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उनकी उपज की खरीद के लिए भी उचित कदम उठाए जाएं, ताकि कफ्र्यू के कारण उन्हें असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों की सुविधा के लिए कृषि संबंधी सामग्री बेचने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर जिला और जिला के भीतर सरकार की अनुमति के अलावा वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। कोरोना वायरस के हाॅटस्पाॅट्स को सील किया जाएगा और इन क्षेत्रों में कफ्र्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी। मुख्य सचिव अनिल खाची ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने पुलिस अधीक्षकों को मिथ्या समाचारों का प्रभावी ढंग से सामना करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को तथ्यात्मक स्थिति के बारे में जागरूक किया जा सके।