हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की रहने वाली नेहा ठाकुर ने ईको फ्रेंडली ईंटे तैयार की हैं। ये ईंटें पर्यावरण के लिए फायदेमंद होने के साथ कम लागत और कम वजन में उपलब्ध होंगी। दैनिक अखबार के मुताबिक, प्राकृतिक रेशों से तैयार ये ईंटें मकान की दीवारों, सुरंगों और फुटपाथ की चिनाई में लगाई जा सकेंगी। नेहा ठाकुर ने इन ईंटों को बेकार मैटीरियल जैसे कागज, बारीक रेत, नारियल के छिलकों और साधारण सीमेंट से तैयार किया है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एक ईंट मात्र छह रुपये में उपलब्ध होगी, जबकि दूसरी एक ईंट 10 से 12 रुपये में मिलती है। ईको फ्रेंडली एक ईंट का भार तीन किलोग्राम होगा, जबकि दूसरी ईंट का वजन चार किलो तक होता है। आमतौर पर दूसरी ईंटों में पानी को सोखने की क्षमता बहुत अधिक होती है लेकिन ईको फ्रेंडली ईंट में बहुत कम पानी सोखने की क्षमता है। इससे पानी का भी संरक्षण होगा।
प्रोफेसर हैं नेहा ठाकुर
इन ईंटों को तैयार करने वाली नेहा ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग करने के बाद एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं। वें मंडी जिले के सरकाघाट की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि इन ईंटों को तैयार करने का मकसद नारियल फाइबर के साथ रेत को आंशिक रूप से बदलकर को फाई ब्रिक्स बनाना और पर्यावरण के अनुसार ईंटों को विकसित कर बेकार कागज का उपयोग करना है। वह हमेशा सोचती थीं कि देश में बेस्ट की समस्या सबसे अधिक है और इसे कैसे कम किया जाए। सभी शोधकर्ताओं ने इसे कम करने के लिए कई शोध किए, मगर किसी ने ईंट नहीं बनाई।