बिलासपुर शहर के रौड़ा सेक्टर में क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात फिजियोथेरपिस्ट ज्योति ठाकुर की आत्महत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतका के भाई आशीष ठाकुर ने change.org पर एक ऑनलाइन याचिका डाली है, जिसमें न्याय की गुहार लगाई है। इस ऑनलाइन याचिका में हमीरपुर के आशीष ने कहा है कि वह पुलिस और प्रशासन से सारी उम्मीदें खो चुके हैं। उनका आरोप है कि मेरी बहन की निर्ममता से हत्या हुई है।
ऑनलाइन याचिका में की न्याय की गुहार
याचिका में लिखा है- I am a citizen of district Hamirpur, himachal pradesh under grave stress and lost all hope in police and administrations. My sister was brutally murdered and local police and administrtaion are hell bent to prove that this is a case of sucide. It has been six days that we have not been postmortem and foresnic report. We urge you with deep sorrow to interfere in this matter get us justice.
प्रतिनिधिमंडल ने पोस्टमार्टम पर उठाए थे सवाल
इससे पहले शुक्रवार को मामले को लेकर एडवोकेट परवेश चंदेल के नेतृत्व में लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा था। प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि 6 सितंबर आत्महत्या वाली शाम को करीब साढ़े 8 बजे क्षेत्रीय अस्पताल में उसके शव का पोस्टमॉर्टम कर दिया गया। जबकि, नियमानुसार सूर्यास्त के पश्चात शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता। जबकि, शव गृह में रखे अन्य शव का पोस्टमार्टम चिकित्सक ने 6 सितंबर की बजाय 7 सितंबर को किया।
6 सितंबर को तेज बारिश, आंधी व बिजली नहीं थी, फिर भी पुलिस व चिकित्सकों ने पोस्टमॉर्टम कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग पोस्टमार्टम की गई वीडियोग्राफी और मृतका की कॉल डिटेल से संदेह के घेरे में आए चिकित्सक की कॉल डिटेल की जांच भी की जाए, ताकि न्याय मिल सके।