गुड़िया प्रकरण से जुड़े सूरज की हत्या मामले में वायरल लेटर के असली होने की पुष्टि हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये लेटर कंडा जेल में बंद HHC मोहन लाल ने ही लिखा है और इसे करीब 4 या 5 दिन पहले आगे प्रेषित किया गया था। इस पूरे मामले को जेल विभाग ने भी गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी यह खुलासा नहीं हो पाया कि पत्र कैसे वायरल हुआ।
न्यायिक हिरासत में चल रहे HHC ने पत्र के माध्यम से सीबीआई की जांच पर कई सवाल खड़े किए हैं। लेटर में लिखा गया है कि पुलिस लॉकअप हत्याकांड में CBI ने जिस संतरी को सरकारी गवाह बनाया है, वे भी सूरज हत्याकांड में शामिल था। CBI ने सच्चाई को जाने बिना एक संतरी के कहने पर मामले में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर ली, जबकि वास्तविकता कुछ और ही है। आरोपी पुलिस कर्मी ने मामले की जांच CID या NIA से करवाने की भी मांग की गई है।
आरोपी मोहन लाल ने लॉकअप में सूरज की हुई हत्या के बारे में पूरी कहानी लेटर में बयां की है। उल्लेख किया गया है उसने CBI अधिकारियों को बताया था कि सूरज की हत्या थाने में किस तरह हुई है, लेकिन उसकी बातों का कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
ग़ौरतलब है कि गुड़िया मामले में 7 महीने का वक्त बीत चुका है और अभी तक पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। सूरज की हत्या मामले में जो पुलिस वाले ग़िरफ्तार है वे न्यायिक हिरासत पर चल रहे हैं। वहीं, अब जेल से लेटर बम ने सीबीआई और पुलिस विभाग में बड़ा धमाका किया है। वायरल लेटर के बाद ये कहना ग़लत नहीं होगा कि गुड़िया मामले में उच्च स्तर गड़बड़ी हुई है, तभी पुलिस वालें ग़िरफ्तार हुए हैं और एक के बाद एक ख़ुलासे कर रहे हैं।
वहीं, 10 फरवरी को डीजीपी मरढी भी आरोपी पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी से जेल में मिले थे, जिसके बाद ये लेटर वायरल हुआ है। माना जा रहा है कि ये लेटर इन अधिकारियों को मुलाक़ात के बाद ही लिखा गया औऱ इस वायरल किया गया है।