बिहार के सुपौल जिले में प्रसव के लिए भर्ती हुई महिला की एक नर्सिंग अस्पताल में किडनी निकाल ली गई। इस बात का खुलासा तब हुआ जब महिला को अचानक पेट में दर्द उठने लगा। उसने जब अल्ट्रासाउंड कराया तो पता लगा कि उसकी एक किडनी ही नहीं है । पीड़ित महिला और उसके परिवार वालों ने इस बारे में डीएम, सीएस और सदर थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
बैरो गांव की रहने वाली पीड़ित महिला आशा देवी ने शिकायत में कहा है कि वो सदर बाजार के एक हॉस्पिटल में प्रसव के लिए भर्ती हुई थी। उसका नर्सिंग होम में डॉ शीला राणा की देखरेख में 27 जुलाई 2017 को पेट का ऑपरेशन हुआ। प्रसव के कुछ दिनों के बाद पीड़िता के पेट में अचानक दर्द होने लगा।
इसके बाद महिला ने एक स्थानीय डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने मरीज को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। जब आशा देवी का अल्ट्रासाउंड कराया गया, तो रिपोर्ट में एक किडनी नहीं होने की बात सामने आई।
यह सुन परिवार वालों के होश उड़ गए। यकीन ना होने पर उन्होंने दूसरे जगह अल्ट्रासाउंड कराया। लेकिन, वहां भी एक किडनी नहीं होने की बात सामने आई। तब जाकर पीड़ित परिजन ने इस बाबत डीएम और सदर थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। हालांकि, अब तक डॉक्टर ने इस मामले में कुछ भी बोलने से मना किया है।
बताया जा रहा है कि पीड़ित की किडनी में पथरी हो गई है। जिस कारण उसकी तबियत और भी खराब है। वहीं, किडनी गायब होने के मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर घनश्याम झा कहते हैं कि प्रथम दृष्टया में नर्सिंग होम के संचालक व डॉक्टर पर लगे आरोप सच प्रतीत होते हैं। जांच में दोषी होने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।