<p>हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक निजी प्रॉपर्टी पर 477 पेड़ अवैध तरीके से काटे जाने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कड़ा कदम उठाया है। NGT ने अवैध कटान पर प्रापर्टी के मालिक और खरीदार पर 116 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ये पेड़ शोघी तहसील स्थित तारा देवी मंदिर से जुड़ी हुई 38.5 बीघे क्षेत्र में लगे हुए थे।</p>
<p>NGT ने कहा कि पर्यावरण और पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए इस प्रापर्टी पर किसी भी प्रकार का स्थायी-अस्थायी, व्यावसायिक और गैर व्यावसायिक निर्माण नहीं किया जा सकेगा।</p>
<p>बता दें, कि बिना अनुमति के 477 से अधिक देवदार और ओक जैसे कीमती पेड़ों के काटने का मामला 21 नवंबर 2014 को सामने आया था। इसके बाद NGT ने इस मामले पर खुद संज्ञान लिया था।</p>
<p> पीठ ने सुनवाई के दौरान प्रापर्टी की मालिक परमिंदर कौर और प्रापर्टी के खरीददार आमरिक सिंह नागपाल को काटे गए इन पेड़ों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। वहीं NGT ने 60 फीसदी पर्यावरण क्षति प्रापर्टी मालिक और 40 फीसदी खरीददार को भरने के आदेश दिए हैं।</p>
<p>पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि काटे गए 477 पेड़ के बदले वन विभाग संबंधित प्रापर्टी पर 4,777 पेड़ लगवाए। पीठ ने इस आदेश के पालन को लेकर क्षेत्र के प्रधान और वन संरक्षक से पहली रिपोर्ट 16 सितंबर को मांगी है।</p>
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