मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विकासात्मक बजट के अन्तर्गत वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9405.41 करोड़ रुपये के परिव्यय प्रस्तावित किए गए हैं। यह बात उन्होंने आगामी वित्त वर्ष के लिए विधायकों की प्राथमिकता बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक प्राथमिकता बैठकें अत्यन्त महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि इनके माध्यम से निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी विकासात्मक प्राथमिकताओं को सरकार के समक्ष रखने का अवसर प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकताओं के लिए वर्ष 2020-21 में 926.24 करोड़ रुपये की 251 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इस धनराशि में से 565.52 करोड़ रुपये सड़कों व पुलों के निर्माण जबकि 360.72 करोड़ रुपये लघु सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं के लिए मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्व सरकार के पहले तीन वर्ष के कार्यकाल में वार्षिक योजना आकार के लिए 13 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी तीन वर्ष की अवधि में 21 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान 2033 करोड़ रुपये लागत की 433 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की गईं थीं, जबकि वर्तमान सरकार की तीन वर्ष की अवधि में 2382 करोड़ रुपये की 639 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की र्गइं हैं। इसी प्रकार, पूर्व सरकार के पहले तीन वर्ष के कार्यकाल में विधायक प्राथमिकताओं के कार्यान्वयन के लिए 1276 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान सरकार ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में 2221 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधायक प्राथमिकताओं पर सर्वाधिक ध्यान देगी। विधायक प्राथमिकताओं के अन्तर्गत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायक निर्वाचित प्रतिनिधि होने के कारण अपने क्षेत्रों की विकासात्मक आवश्यकताओं को भली-भांति समझते हैं। कोविड-19 की परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार यह सुनिश्चित बना रही है कि विकास की गति किसी भी रूप में बाधित न हो। उन्होंने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने और अपना बहुमूल्य सहयोग देने के लिए विधायकों का आभार व्यक्त किया।