हिमाचल

मंडी: जोगिंद्रनगर की 2 माह की बच्ची मांगें इंसाफ़, पिता के हत्यारों को दिलाओ सज़ा

कांगड़ा और मंडी की सीमा पर है हिमाचल प्रदेश का जोगिंदरनगर इलाक़ा। उपचुनाव के शोर के बीच यहां दो माह की बच्ची के रोने चिखने की आवाज़ किसी को सुनाई नहीं दी। लेकिन अब जब उपचुनाव का शोर थमा तो ख़बर सामने आई कि 2 माह की ये बच्ची अपने पिता के लिए इंसाफ़ मांग रही है। समाज से सवाल कर रही है कि आख़िर क्यों उसके सिर से पिता का साया उठ गया और कब उसके पिता के हत्यारों को सज़ा मिलेगी।

आरोप है कि जोगिंद्रनगर की द्रहल पंचायत के दरकोटी, कूडणू त्रेम्बलू गांव में एक शादी समारोह के दौरान बहसबाज़ी हुई थी। इसके बाद आरोपियों ने इस बच्ची के पिता दिनेश को मार डाला और घर का इकलौता चिराग बुझ गया। अब इस हत्याकांड में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। इन आरोपियों में जोगिंदरनगर की द्रहाल पंचायत के दरकोटी गांव के रमन ठाकुर उर्फ़ लब्बू,पंकज ठाकुर उर्फ़ अब्बू, दरकोटी के विनोद कुमार और कुडनू गांव के गोपाल चंद सकलानी उर्फ़ गोपी शामिल हैं। फ़िलहाल इन सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और 4 दिन की पुलिस रिमांड भी चल रहा है।

दिनेश की हत्या से पूरा इलाक़े के लोग ग़मगीन होने के साथ ही ग़ुस्से में भी हैं। दिनेश उर्फ़ पंकू का परिवार इंसाफ़ मांग रहा है। दिनेश के परिवारजनों की मांग है कि जितने भी लोग इस हत्याकांड में शामिल थे, उन सभी उपद्रवियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए। हालांकि अब परिवार के सामने मुश्किल ये भी है कि इस हत्याकांड के गवाह यानी दिनेश के कुछ दोस्त अब सामने नहीं आ रहे हैं। वो गवाही देने में संकोच कर रहे हैं।

ऐसे में सवाल यही है कि क्या दिनेश को पूरा इंसाफ़ मिल पाएगा। किसी के घर के बेटे को मार कर नाले में फेंक दिया जाए, तो उस परिवार को कैसे चैन से नींद आएगी। लिहाजा परिवार गवाहों से सामने आने की गुहार लगा रहा है, ताकि दिनेश के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले। दिनेश की मौत के बाद से उनके पिता का बुरा हाल है। उनका कहना है कि उनकी सारी उम्मीदें और सपने चकनाचूर हो गए हैं। अब परिवार का गुज़ारा कैसे चलेगा। दिनेश की हाल ही में शादी हुई थी और उनकी दो महीने की बेटी है। अभी जिस मासूम बच्ची ने दो महीने पहले ही दुनिया में क़दम रखा, उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है। उसे पता भी नहीं कि अब उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं, अब आगे उसका क्या होगा?

वहीं, इस घटना पर गौर करें तो यह कहना ग़लत नहीं होगा कि आज कल शरारती तत्वों और गुंडों को कानून और पुलिस का कोई डर नहीं। बेलगाम दिन दिहाड़े लोगों के साथ मारपीट और ऐसी कई घटनाएं देखने को मिल रही हैं। इन घटनाओं का आख़िर में ये हल निकलता है कि जिनके परिवार को जानी नुकसान होता है वे बहुत कुछ खो बैठते हैं और आरोपी कोर्ट के चक्कर में कुछ वक़्त बाद कोई हथकंडा अपनाकर बच निकलते हैं।

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