जिला कुल्लू के दूर दराज क्षेत्र निरमंड के अरसू से ताल्लुख रखने वाली श्रुति बंसल ने प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा उतीर्ण करके जिला और प्रदेश का नाम रोशन किया है। 29 नवंबर 1989 को निरमण्ड के अरसू में सोहन लाल बंसल और गृहणी कांता देवी के घर पर जन्मी श्रुति बंसल बचपन ने इस परीक्षा को उतीर्ण करके सिविल जज बनने का गौरव हासिल किया है। उनके इस चयन से क्षेत्र में खुशी का माहौल बना हुआ है। खासकर श्रुति के माता पिता और
रिश्तेदारों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार श्रुति बंसल के पति प्रशांत सिंह वर्तमान में जिला सहायक न्यायवादी के पद पर कंडाघाट में तैनात हैं।
श्रुति बंसल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और जमा दो तक की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अरसू से की। इस दौरान उन्होंने परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए थे। इसके बाद स्नाकोत्तर की पढ़ाई राजकीय महाविद्यालय रामपुर से पूरी की। श्रुति बंसल ने हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल करने करने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय रामपुर में बतौर अधिवक्ता अपनी सेवाएं दी। एलएलएम की पढ़ाई करने के साथ साथ अपनी परीक्षा की तैयारियों में भी श्रुति जुटी रही। उसका नतीजा यह निकला कि तीसरे प्रयास में श्रुति ने सिविल जज बनकर क्षेत्र का नाम गर्व से ऊंचा करके एक मिसाल पेश की है। अब श्रुति बंसल हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा में सिविल जज कैडर में न्यायिक अधिकारी (सिविल जज) बनेगी।
श्रुति बंसल के पिता सोहन लाल बंसल ने बताया कि उन्हें बेटी की उपलब्धि पर नाज़ है। श्रुति बंसल ने अपनी सफ़लता का श्रेय अपने माता-पिता समेत पति को दिया है। उन्होंने क्षेत्र की महिलाओं और बेटियों को संदेश दिया है कि वे मेहनत कर हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और आज की महिला सिर्फ़ चूल्हे-चौके तक सीमित नहीं हैं वे अपने लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम है सिर्फ एक बार ठान लेने की जरूरत है।