शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने आज यहां शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों में नशे की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग बच्चों में नशे की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को स्कूल परिसर में नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी संबंधी जागरूकता बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा सचिव ने कहा कि नशे के दुष्प्रभावों संबंधी संदेश को प्रभावशाली तरीके से बच्चों तक पहुंचाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से बनाए गए ऑडियो-वीडियो संदेश के माध्यम से उन्हें जागरूक किया जाएगा।
विद्यालयों को नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव संबंधी व्याख्यान एवं गतिविधियां हर 15 दिनों में आयोजित करवाने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायत, स्काउट्स एण्ड गाईड्स, एन.सी.सी., एन.एस.एस. और पी.टी.ए. को शामिल करके नशीले पदार्थों पर रोक लगाने के लिए सहयोग लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में परामर्शकर्ता के माध्यम से विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में मनोवैज्ञानिक परामर्श दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों के प्रधानाचार्य स्कूल में होने वाली नशे संबंधी किसी भी गतिविधि पर रोक लगाना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के सौ गज के दायरे में किसी भी तरह के नशीले पदार्थ को बेचना गैर कानूनी एवं दण्डनीय अपराध है और पुलिस व प्रशासन के अलावा इसकी सूचना अथवा शिकायत टॉल फ्री नम्बर 112 व 1908 पर की जा सकती है। शैक्षणिक संस्थानों को इस संबंध में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा सचिव ने कहा कि बच्चों को नशे की गर्त में जाने से बचाने के लिए अध्यापक स्कूलों में बच्चों को नियमित रूप से खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियांे में भाग लेने के लिए प्रेरित करें ताकि उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ा जा सके।