Follow Us:

शिमला में भाजपा की तिरंगा यात्रा में गूंजा ‘ऑपरेशन सिंदूर’

|

  • भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने शिमला ग्रामीण और शहरी में तिरंगा यात्रा में लिया भाग

  • 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर दिया भावनात्मक वक्तव्य

  • सिंधु जल समझौते की समीक्षा को बताया ऑपरेशन सिंदूर का प्रभावशाली ‘नॉन-मिलिट्री’ पहलू


शिमला, 21 मईभाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को शिमला ग्रामीण के शोधी और शिमला शहरी के संजौली में आयोजित तिरंगा यात्रा में भाग लिया। उनके साथ प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, सह मीडिया प्रभारी प्यार सिंह कंवर, लोकसभा प्रत्याशी रवि मेहता, सांसद संजय सूद, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, जिला अध्यक्ष केशव चौहान और अन्य मंडल पदाधिकारी मौजूद रहे।

तिरंगा यात्रा के दौरान जनसमूह को संबोधित करते हुए श्रीकांत शर्मा ने कहा कि “22 अप्रैल” का दिन भारत के इतिहास में काले दिन के रूप में याद किया जाएगा, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की शहादत हुई। उन्होंने बताया कि यह हमला पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों ने अंजाम दिया।

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर थे, लेकिन जैसे ही उन्हें सूचना मिली, वे तुरंत लौटे और जनता को आश्वस्त किया कि यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने वादा किया था कि हम इस हमले का ऐसा प्रतिशोध लेंगे जो आतंकवादियों की कल्पना से भी परे होगा।” शर्मा ने इसे भारतीय सेना की वीरता और मोदी सरकार की इच्छाशक्ति का प्रमाण बताया कि भारत ने आतंकवादियों को उनके ठिकानों में घुसकर धूल चटाई।

इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक और व्यापक गैर-सैन्य (Non-Military) मोर्चा भी था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय लेकर पाकिस्तान की आर्थिक और कृषि रीढ़ को निशाना बनाया है।

बिहारी लाल ने कहा कि पाकिस्तान की 90% जनता और 80% खेती सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है। अगर भारत इसका प्रवाह नियंत्रित करता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कथन “हम घुसकर मारेंगे और मिट्टी में मिला देंगे” केवल शब्द नहीं, बल्कि भारत की शक्ति, संकल्प और गौरव का प्रतीक बन चुका है।

तिरंगा यात्रा में स्थानीय कार्यकर्ताओं और नागरिकों का भारी उत्साह देखने को मिला। यह यात्रा न केवल देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनी, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत के एकजुट संकल्प का सार्वजनिक प्रदर्शन भी रही।