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चंद्र कुमार बोले– इस्तीफे की जरूरत नहीं पड़ी, सीएम से बातचीत में सुलझा मामला, शिक्षा विभाग को बताया ट्रांसफर का पिंडौरा बॉक्स

मंत्री चंद्र कुमार बोले इस्तीफे देने की नहीं आई नौबत
मुख्यमंत्री से बातचीत में मामला हुआ शांत
ट्रांसफर को पेशा बना चुके लोगों पर सरकार सख्त हो

पराक्रम चंद, शिमला


हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने स्पष्ट किया है कि हालिया विवादों के बीच इस्तीफे की कोई नौबत नहीं आई। उन्होंने कहा कि जो भी मतभेद या मुद्दे थे, उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से बातचीत कर सुलझा लिया गया है। चंद्र कुमार ने यह भी कहा कि कुछ लोग इस मामले को अनावश्यक रूप से तूल दे रहे हैं, जबकि सरकार में सब कुछ सामंजस्यपूर्ण है।

मंत्री ने इस मौके पर राज्य में फैली ट्रांसफर संस्कृति पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के कई विभागों, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग, में ट्रांसफर एक व्यवस्थित धंधा बन चुका है। “कुछ कार्यकर्ताओं और प्रभावशाली लोगों ने ट्रांसफर और एडजस्टमेंट को ही अपना पेशा बना लिया है। ये लोग ट्रांसफर को ऐसे करवाना चाहते हैं जैसे कोई अधिकार लेकर आए हों।”

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी पर सरकार में कई बार विचार हुआ है, लेकिन अब तक यह कभी लागू नहीं हो पाई, जिससे स्थिति बिगड़ती गई। उन्होंने माना कि कुछ लोग ऐसे हैं जो ट्रांसफर में शामिल होकर सरकार की छवि को नुकसान पहुँचा रहे हैं और इन पर सख्त नकेल कसने की जरूरत है।

उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि “मेरे क्षेत्र में भी कार्यकर्ता जनहित के मुद्दों के बजाय ट्रांसफर की सिफारिशों के लिए आते हैं, जैसे उन्होंने विधायक का अधिकार ले रखा हो। यह राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है।”

इसके साथ ही चंद्र कुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2023 की आपदा को लेकर राज्य ने जो नुकसान आंका था, उसके मुकाबले केंद्र की ओर से मिली 2006 करोड़ रुपये की राहत राशि नाकाफी है। उन्होंने इसे “ऊंट के मुंह में जीरा” करार देते हुए कहा कि यह राहत राशि वास्तविक नुकसान की भरपाई से बहुत दूर है। बता दें कि बीती शाम चंद्र कुमार के बेटे पूर्व विधायक ने चंद्र कुमार के इस्‍तीफे को लेकर एक पोस्‍ट सोशल मीडिया में डाली थी और उसके बाद उन्‍हरोंने अभी देखें की पोस्‍ट डाली थी, इसे लेकर राजनीति  में सरगर्मियां तेज हो गई थी।