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शिमला में पुरानी लकड़ी के टुकड़े “कचरा” नहीं सौंदर्य का प्रतीक, मुख्यमंत्री ने की सराहना

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  • मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने शिमला के वेस्ट टू वेल्थ मिशन को दिया समर्थन

  • पुरानी लकड़ी के टुकड़े अब शिमला के सौंदर्य और टिकाऊ विकास के प्रतीक

  • मुख्यमंत्री ने मेयर सुरिंदर चौहान की टीम के प्रयासों की खुले दिल से सराहना

 

Blog: Prakram Chand


Shimla sustainable initiatives: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार शाम शिमला में नगर निगम द्वारा चलाई जा रही “वेस्ट टू वेल्थ” मिशन की अनूठी पहल को नजदीक से देखा और इसकी भरपूर सराहना की। मुख्यमंत्री ने मेयर सुरिंदर चौहान गुड्डू के साथ रिज मैदान से नगर निगम कार्यालय तक पैदल चहलकदमी की और रास्ते में पुरानी लकड़ी के लट्ठों से बनी सजावटी बैठकों की सीटों पर कुछ समय गुजारा। मुख्यमंत्री ने इस प्रयास को शहर के सौंदर्य और टिकाऊ विकास का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है, बल्कि शिमला को एक नई पहचान भी दे रही है।

मेयर सुरिंदर चौहान ने बताया कि नगर निगम अब हर “बेकार” चीज को एक नया स्वरूप देकर शहर के विकास में योगदान दे रहा है। लकड़ी हो, प्लास्टिक हो या धातु, हर सामग्री को रिसायकल, रियूज और रिड्यूस के सिद्धांत पर नया जीवन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस सोच को शिमला के स्वाभाविक सौंदर्य से जोड़ते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं शहरी जीवन को हरित और सतत बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में “कचरे” को संपत्ति में बदलने की यह यात्रा आने वाले समय में प्रदेश के अन्य शहरों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है। उन्होंने मेयर सुरिंदर चौहान और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी पहलें हिमाचल के भविष्य को स्वच्छ, सुंदर और सस्टेनेबल बनाएंगी।