शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)-2009 के तहत राज्य सलाहकार परिषद की द्वितीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
आरटीई की धारा-12 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और वंचित समूहों के बच्चों को निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत प्रदेश में सराहनीय कार्य किया गया है। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में निजी शिक्षण संस्थानों में 3402 बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश मिला है। इनकी पढ़ाई का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा व्यय किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने सभी जिला मुख्यालयों में विशेष बच्चों के लिए संसाधन कक्ष सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वर्तमान में लगभग सभी जिला मुख्यालयों यह कक्ष उपलब्ध हैं। इन संसाधन कक्षों को खण्ड स्तर तक ले जाने के लिए विचार-विमर्श किया गया। यह प्रयास समग्र शिक्षा के तहत किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने पहली कक्षा में प्रवेश की आयु तय करने के लिए एक राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को सुगठित व सुव्यवस्थित करने के लिए भी कहा। यह प्रदेश की अकादमिक प्राधिकरण है।
बैठक में निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा घनश्याम चंद, निदेशक उच्चतर शिक्षा अमरजीत शर्मा, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, एससीईआरटी के प्राध्यापक और अन्य गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया।