नाहन के गिरीपार की होनहार बेटियों ने देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिमाचल का नाम रोशन किया है। लेकिन सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की एक होनहार बेटी ऐसी भी है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल के साथ साथ देश का भी मान बढ़ाया, बावजूद इसके हिमाचल की सरकार इस बेटी को मान-सम्मान देना भूल गई।
पेसापालो खेल (बेस बॉल की तरह खेला जाने वाला खेल) में एशिया में भारत को स्वर्ण पदक और विश्व कप में कांस्य पदक दिलाने वाली बेटी शालू का ने अपना दर्द बयां किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न केवल देश बल्कि प्रदेश का नाम रोशन करने वाली सिरमौर की इस बेटी के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया जिससे ये बेटी खफा है।
दूसरी खेलों की चकाचौंध के बीच शालू को पेसापालो खेल में मिले स्वर्ण पदक की चमक भी फीकी पड़ गई है। दूर-दूर से प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को प्रदेश में लाकर उन्हें सम्मानित करने वाली सरकार अपने ही प्रदेश की होनहार खिलाड़ी शालू को भूल गई। विश्व कप में इस बेटी को खेल की कप्तानी का भी मौका मिला और यहां बेस्ट खिलाड़ी के अवॉर्ड से भी सम्मानित हुई।