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“हर्षवर्धन चौहान-एक कर्मठ राजनेता”

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हिमाचल प्रदेश सरकार में जिला सिरमौर की शिलाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हर्षवर्धन चौहान को छटी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले, इनके प्रशासनिक अनुभव और लम्बी राजनीति पारी को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु ने अपने मंत्रिमंडल में जगह देकर केबिनेट मंत्री के तौर पर इन्हें उद्योग मंत्रालय सौंपा है। इस महत्वपूर्ण मंत्रालय के साथ उन्हें संसदीय कार्य और आयूष विभाग का पोर्टफोलियो भी दिया गया है।

डा. वाई. एस. परमार मंत्रीमंडल में केबिनेट मंत्री रहे स्वर्गीय गुमान सिंह चौहान के घर सिरमौर के नाहन में 14 सितम्बर 1964 को जन्में हर्षवर्धन चौहान की प्रारम्भिक शिक्षा शिमला के सैंट एडवर्ड स्कूल में हुई और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्रियां हांसिल की। कांग्रेस के छात्र संगठन एन.एस.यू.आई.से राजनीति की शुरूआत करने वाले हर्षवर्धन चौहान लम्बे संघर्ष के बाद केबिनेट मंत्री पद तक पहुंचे हैं।

आरम्भ से ही छात्र राजनीति में रहने वाले हर्षवर्धन चौहान 1986 से 1988 के बीच हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय स्टुडेंट सैंट्रल एशासिएशन के महासचिव के साथ यूथ कांग्रेस शिलाई के महासचिव भी रहे।  1990 से 1996 तक जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे।

1997 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव और 2008 से 2012 तक जिला कांग्रेस कमेटी सिरमौर के अध्यक्ष रहे। 2003 से 2007 तक कांग्रेस लेजिस्लेचर पार्टी के महासचिव तथा 2005 से 2008 और 2013 से 2018 तक हिमाचल कांग्रेस कमेटी में महासचिव पद पर रहे।

यही नहीं, चौहान 1995 से 1997 हिमाचल प्रदेश उद्योग निगम के उपाध्यक्ष, 1994 से 1997 हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड सदस्य, 1994 से 1996 हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद् के सदस्य, डा. वाई.एस. परमार बागवानी विश्ववि़द्यालय के सीनेट के साथ मुख्य संसदीय सचिव विधान सभा के विभिन्न समितियों के अध्यक्ष के रूप में इन्हें कार्य करने का अवसर मिला जिसे इन्होंने अपने शैक्षणिक और राजनीतिक अनुभव से बखूबी निभाया।

वर्ष 1990 से 1996 तक वे जिला सिरमौर कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे। वर्ष 1997 में हर्षवर्धन चौहान प्रदेश कमेटी के सचिव बने और 2008 से 2012 तक वे जिला कांग्रेस कमेटी सिरमौर के अध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे।

हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए चौहान ने अपना पहला चुनाव शिलाई से 1993 में लड़ा और जीत हांसिल की। इसके बाद 1998, 2003 और 2007 में उन्होंने लगातार जीत हांसिल करते हुए राजनीति में अपना दमखम बनाए रखा।

वे हिमाचल प्रदेश उद्योग निगम के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। साल 1994 से 1997 तक उन्हें हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का सदस्य भी बनाया गया था और साल 1994 से 1996 तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं। न केवल यही बल्कि हर्षवर्धन चौहान साल 2005 में मुख्य संसदीय सचिव पद पर भी रह चुके हैं।

आज हर्षवर्धन चौहान का जन्मदिवस है – इस उपलक्ष पर उन्हें उनके उज्वल भविष्य की कामना और हार्दिक शुभकामनाएं।