भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के परिसर में संस्थान के वार्षिक स्टार्टअप इवेंट के छठे संस्करण ‘हिमालयन स्टार्टअप ट्रेक 2022’ का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संस्थान के अनुसंधान कर्ताओं से आह्वान किया कि वह इस हिमालय क्षेत्र में कुछ ऐसा करके दिखाएं जिससे इसकी पहचान पूरे देश में हो.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कृषि और बागवानी पर आधारित प्रदेश है. ऐसे में शोधकर्ताओं को अपना काम इस दिशा में करना चाहिए ताकि इसका सीधा लाभ यहां के किसान बागवानों को मिल सके. साथ ही जिस तरह से हिमाचल में प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं, जान माल का नुकसान ज्यादा होने लगा है इसे रोकने या फिर जानी नुकसान को कम करने के लिए भी नए शोध किए जा सकत हैं.
उन्होंने आइटीआई के शोधकर्ताओं से कहा कि वह इन तीन बिंदुओं को लक्षित करके यदि कोई विशेष खोज करें तो इसका सीधा फायदा प्रदेश को होगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो जय किसान, जय जवान , जय विज्ञान के साथ इस बारे लाल किले से जय अनुसंधान को भी जोड़ा इसे भी विज्ञानियों को गंभीरता के साथ लेना चाहिए क्योंकि अनुसंधान से ही कई बड़ी समस्याओं व विकास योजनाओं के लिए हल निकाला जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर में ‘आईआईटी मंडी कैटालिस्ट को-वर्क स्पेस एंड आई-हब’ और एचसीआई फाउंडेशन के कार्यालय का भी शुभारम्भ किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के सहयोग से हिमालयन स्टार्टअप ट्रेक हिमाचल प्रदेश में उभरते हुए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रतीक बन गया है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन से शीर्ष स्टार्टअप को आईआईटी मंडी कैटालिस्ट द्वारा इनक्यूबेशन सपोर्ट के लिए चुना जाएगा. राज्य के विभिन्न विभागांे की मदद से कई स्टार्टअप्स उभरेंगे और उन्हें नई संभावनाएं तलाशने के अवसर मिलेंगे.
जय राम ठाकुर ने कहा कि कमांद स्थित आईआईटी परिसर का वातावरण अध्ययन और अनुसंधान के लिए सबसे उपयुक्त है और यहां उचित हवाई संपर्क इस संस्थान को फलने-फूलने के लिए वरदान साबित होगा. उन्होंने कहा कि मंडी जिले में अतिशीघ्र ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे इस प्रतिष्ठित संस्थान के छात्रों, शिक्षकों और अन्य लोगों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
इस अवसर पर जय राम ठाकुर ने तीन अलग-अलग विषयों ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरएक्शन, बिल्ड फॉर द हिमालयाज एंड एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी पर आधारित स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए.
जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर स्टार्टअप द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और इनमें गहरी रुचि दिखाई. आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्टार्टअप में भारत को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इसके लिए एक उचित इकोसिस्टम बनाने की आवश्यकता है.
वहीं, उन्होंने कहा कि स्टार्टअप को जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, सभी के लिए खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों के समाधान के लिए भी कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि को प्रौद्योगिकी से जोड़ा जाना चाहिए ताकि इस व्यवसाय को आर्थिक रूप से व्यवहारिक बनाने के साथ-साथ सम्मानजनक भी बनाया जा सके.
केटालिस्ट के संकाय प्रभारी, पूर्ण सिंह ने हिमालयन स्टार्ट-अप के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ प्रतिभागियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आईआईटी को स्टार्टअप के लिए 400 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनकी छंटनी की गई. इस पूरी प्रक्रिया को लगभग 45 संकाय सदस्यों द्वारा पूरा किया गया है.
कार्यक्रम के दौरान द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर ने परिसर के बाहर एक बिक्री काउंटर स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय लोग अपने दूध, दही और पनीर जैसे उत्पाद बेच सकें. वैज्ञानिक जी, एनएसटीईडीबी, डीएसटी डॉ. अनीता गुप्ता ने भी कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया.
वैज्ञानिक एफ, निदेशक, एमईआईटीवाई डॉ. अजय गर्ग ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि आईआईटी मंडी के पास कमांद में एक स्थायी स्टार्टअप घाटी बनाने की योजना है, जो देश भर से उच्च तकनीकी स्टार्टअप को आकर्षित करेगी.