➤ हिमाचल सरकार ने सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू किया
➤ राजीव गांधी आदर्श डे-बोर्डिंग स्कूल और 850 उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना
➤ हिमाचल ने 99.30% साक्षरता दर के साथ शिक्षा क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नए स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। इनमें सबसे अहम है सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम की शुरुआत, जो छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा।
सरकार ने इस वित्त वर्ष में 9849 करोड़ रुपये का शिक्षा बजट रखा है। चुनावी गारंटी के अनुरूप पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम लागू किया गया है, जिससे बच्चे हिंदी के साथ अंग्रेजी में भी आत्मविश्वास के साथ अभिव्यक्ति कर रहे हैं।

राजीव गांधी राजकीय आदर्श डे-बोर्डिंग स्कूल हर विधानसभा क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, खेल सुविधाएं और आधुनिक संसाधन बच्चों को उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, सरकार ने 500 प्राथमिक, 100 उच्च, 200 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 48 कॉलेज और 2 संस्कृत महाविद्यालय को उत्कृष्ट संस्थान घोषित किया है।
छात्रों के उच्च शिक्षा सपनों को पूरा करने के लिए डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की गई है। इसके तहत एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक शिक्षा ऋण मिलेगा। वहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस जैसे आधुनिक विषय भी पढ़ाए जा रहे हैं।

शिक्षकों के 5400 से अधिक पद और विभाग में 7000 से अधिक अन्य पद भरे गए हैं। शिक्षक अब शैक्षणिक सत्र के बीच रिटायर नहीं होंगे। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा निदेशालयों का पुनर्गठन किया गया है।
ऐतिहासिक पहल के तहत अध्यापकों और छात्रों को विदेशी शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जा रहा है। 2024-25 में 334 अध्यापक और 50 छात्र सिंगापुर, जबकि 310 छात्र और 32 अध्यापक केरल भ्रमण पर गए।
बच्चों के पोषण के लिए मुख्यमंत्री बाल पोषाहार योजना के तहत 5.35 लाख बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है।
इन पहलों के फलस्वरूप हिमाचल प्रदेश ने 99.30% साक्षरता दर हासिल कर ली है, जबकि लक्ष्य 2030 तक का था। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में हिमाचल 21वें स्थान से छलांग लगाकर 5वें पायदान पर पहुंचा है। असर रिपोर्ट 2025 ने भी बच्चों की पढ़ाई की क्षमता को पूरे देश में बेहतर बताया है।
अब सरकार कक्षा 6 से 12 तक की एनसीईआरटी की किताबों को हिमाचल की स्थानीय विरासत और नायकों की कहानियों से जोड़ने जा रही है। इसमें कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सोमनाथ शर्मा और कैप्टन सौरभ कालिया जैसे शहीदों पर विशेष अध्याय शामिल होंगे।
निश्चित तौर पर यह प्रयास हिमाचल को शिक्षा का सिरमौर राज्य बनाने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।



