<p>हिमाचल अध्यापक संघ दो फाड़ हो गया है। एक तरफ जहां संघ द्वारा शिमला में चुनाव करवाए गए, वहीं हमीरपुर में अलग से चुनाव हुए हैं। शिमला में अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान को फिर से अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष चुनने के बाद उन्होंने हमीरपुर में हुए चुनावों को गैर कानूनी करार देते हुए कानूनी कार्रवाई की बात कही और दूसरे गुट पर 16 लाख के फंड के गबन के भी आरोप लगाए।</p>
<p>शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान वीरेंद्र चौहान ने कहा कि हमीरपुर में जिन लोगों को चुना गया वो अध्यापक संघ से पहले ही निष्काषित किया गया है। इसके लिए पूरे प्रदेश से डेलीगेट पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में चुनाव करवाने वाले संघ से निष्काषित किए गए और जिला कार्यकारिणी के कई अध्यक्ष और सदस्य वहां शामिल हुए। उन्होंने 16 लाख के फंड का ब्यौरा तक नहीं दिया गया जबकि उनके पास हिमाचल अध्यापक संघ का अध्यापकों से पैसा एकत्रित किया गया था।<br />
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पैसे के दुरुपयोग को लेकर उनपर कार्रवाई की जाएगी। कार्यकारणी जल्द ही मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलेगा। जहां हमीरपुर में चुनाव करवाए गए वहां गैर कानूनी चुनावों को लेकर अवगत करवाएगा। वहीं प्रदेश में शिक्षको की मांगों को लेकर भी ज्ञापन सौंपा जाएगा।</p>
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