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माननीयों का करीब 2 करोड़ टैक्स देती है सरकार, याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश में माननीयों की ख़ूब मौज है। विधायकों और मंत्रियों के वेतन भत्तों का टैक्स भी सरकार चुकता करती है। हिमाचल उन पांच राज्यों में से एक है जिनके माननीयों का टैक्स सरकार चुकाती है। हिमाचल के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के माननीयों का टैक्स भी सरकार ही अदा करती है। हिमाचल प्रदेश में 68 विधायक हैं जिनका सालाना टैक्स क़रीब 2 करोड़ बनता है।

हिमाचल प्रदेश ऐसे पांच राज्यों में से एक है जहां माननीयों को सबसे ज़्यादा वेतन भत्ते मिलते है। माननीयों के टैक्स को लेकर हिमाचल हाइकोर्ट ने नोटिस जारी कर 6 हफ़्ते में जवाब तलब किया है। हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट के वकीलों ने इसको लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें ये कहा गया कि जब देश का हर व्यक्ति टैक्स अदा कर रहा है तो माननीय का टैक्स सरकार क्यों दे रही है। माननीयों ने अपने लिए अलग से कानून बनाकर ये प्रावधान किया है जो असंवैधानिक है।

याचिकाकर्ताओ की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रजनीश मनिकटला ने बताया कि उच्च न्यायालय ने माननीयों के वेतन भत्तों पर सरकार द्वारा टैक्स दिया जाता है। इसको लेकर हिमाचल सरकार, विधानसभा और भाजपा के महेंद्र सिंह ठाकुर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, सीपीआईएम के नेता राकेश सिंघा व निर्दलीय होशियार सिंह को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया गया है। इनसे 6 हफ़्ते में जवाब मांगा गया है।उन्हें उम्मीद है कि उच्च न्याय इसमें उनके पक्ष और जनहित में फैसला लेगा।