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पर्यटन में जबरदस्त उछाल, हिमाचल की अर्थव्यवस्था 10.2% की वृद्धि के साथ नई ऊंचाइयों पर

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  • हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 2024-25 में 10.2% वृद्धि के साथ ₹2,32,185 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान

  • पर्यटन क्षेत्र में उछाल, 2024 में 181.24 लाख पर्यटकों के आगमन के साथ महामारी-पूर्व स्तर तक पहुंचा

  • औद्योगिक क्षेत्र में 8.1% और कृषि क्षेत्र में 3.07% की वृद्धि दर दर्ज, प्रति व्यक्ति आय ₹2,57,212 तक पहुंचने की उम्मीद


Himachal Pradesh Economic Survey 2024-25: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया, जिसमें राज्य की आर्थिक प्रगति, नीतिगत रणनीतियाँ और विकास योजनाओं का व्यापक विश्लेषण किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य की अर्थव्यवस्था 10.2% की प्रभावशाली वृद्धि के साथ ₹2,32,185 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। वास्तविक जीडीपी (2011-12 मूल्यों पर) ₹1,46,553 करोड़ रहने की संभावना है। सेवा क्षेत्र 45.3% योगदान के साथ अग्रणी, द्वितीयक क्षेत्र 39.5% और प्राथमिक क्षेत्र 15.2% योगदान देगा।

प्रति व्यक्ति आय (PCI) में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय ₹2,57,212 रहने की संभावना है, जो 2023-24 के ₹2,34,782 से 9.6% अधिक है।

कृषि क्षेत्र में फसलों के उत्पादन में 78% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पशुधन उप-क्षेत्र की 5.2% वृद्धि अनुमानित है। औद्योगिक क्षेत्र में भी 8.1% की वृद्धि देखी गई, जिसमें विनिर्माण 7.1% और निर्माण क्षेत्र 9.4% की उच्चतम वृद्धि दर प्रदर्शित कर रहा है।

पर्यटन क्षेत्र ने भी मजबूती दिखाई है, जिसमें 2024 में 181.24 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ, जो महामारी-पूर्व स्तर तक पहुंच चुका है। राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में पर्यटन का योगदान 7.78% दर्ज किया गया है।

ऊर्जा उत्पादन में भी राज्य ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हिमाचल प्रदेश में 11,290 मेगावाट जलविद्युत क्षमता का दोहन किया जा चुका है, जो भारत की कुल क्षमता का 25% है।

मुद्रास्फीति दर में कमी आई है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 5.0% से घटकर 2024-25 में 4.2% रह गई। ग्रामीण मुद्रास्फीति 5.1% से घटकर 4.4% और शहरी मुद्रास्फीति 4.7% से घटकर 3.3% हो गई है।

रोजगार परिदृश्य भी सकारात्मक रहा, जहां श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) हिमाचल में 60.5% दर्ज की गई, जो अन्य राज्यों से अधिक है।

सरकार की विभिन्न नीतियां स्वास्थ्य, परिवहन और सामाजिक सेवाओं के विस्तार पर केंद्रित हैं। राज्य में 3,079 बसें, 110 इलेक्ट्रिक बसें और 38 टैक्सियां सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए कार्यरत हैं।

यह आर्थिक सर्वेक्षण हिमाचल प्रदेश के आर्थिक विकास की सकारात्मक दिशा को दर्शाता है और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


विस्‍तार ………………….

आर्थिक प्रदर्शन:
वित्तीय वर्ष 2024-25 में हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) ₹2,32,185 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.2% अधिक है। स्थिर मूल्यों पर वास्तविक जीडीपी ₹1,46,553 करोड़ रहने की संभावना है। सेवा क्षेत्र 45.3% के साथ अग्रणी, द्वितीयक क्षेत्र 39.5% और प्राथमिक क्षेत्र 15.2% योगदान देगा।

प्रति व्यक्ति आय (PCI):
वित्त वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय ₹2,57,212 होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.6% अधिक है। 2011-12 में यह ₹87,721 थी, जो अब 8.6% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि (CAGR) दर दर्शाती है।

क्षेत्रीय योगदान:
राज्य के सकल राज्य मूल्य वर्धित (GVA) में सेवा क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान (45.3%), उसके बाद औद्योगिक क्षेत्र (39.5%) और प्राथमिक क्षेत्र (15.2%) का स्थान है।

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र:

  • कृषि और संबद्ध क्षेत्र का GVA ₹31,879 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2020-21 के मुकाबले 53% की वृद्धि दर्शाता है।
  • फसल उत्पादन में 78% वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें 2020-21 के ₹12,341 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹21,912 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
  • कृषि और संबद्ध क्षेत्र में 3.07% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष यह -2.63% थी।
  • पशुधन उप-क्षेत्र का योगदान 9.24% और इसकी वृद्धि दर 5.2% रही।

औद्योगिक क्षेत्र:

  • उद्योग क्षेत्र का GVA ₹86,695 करोड़ होने का अनुमान है, जो 8.1% वृद्धि दर्शाता है।
  • विनिर्माण क्षेत्र में 7.1% और निर्माण क्षेत्र में 9.4% की उच्चतम वृद्धि दर रही।
  • उद्योग क्षेत्र का GVA में योगदान 40% है, जिसमें 26.19% विनिर्माण, 7.68% निर्माण और 5.66% बिजली व जल आपूर्ति का हिस्सा है।

पर्यटन:

  • पर्यटन क्षेत्र में तेजी, 2024 में 181.24 लाख पर्यटकों का आगमन, जो महामारी-पूर्व स्तर तक पहुंच चुका है।
  • राज्य के GSDP में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 7.78% रहा।

ऊर्जा क्षेत्र:

  • हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 24,000 मेगावाट है, जिसमें से 11,290 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है।

मुद्रास्फीति और मूल्य स्तर:

  • 2023-24 में 5.0% से घटकर 2024-25 में 4.2% हो गई।
  • ग्रामीण मुद्रास्फीति 5.1% से घटकर 4.4% और शहरी मुद्रास्फीति 4.7% से घटकर 3.3% हो गई।

सामाजिक सेवाएँ और परिवहन:

  • 115 सिविल अस्पताल, 106 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 585 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 2,114 स्वास्थ्य उप-केंद्र कार्यरत हैं।
  • हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा 3,079 बसें, 110 इलेक्ट्रिक बसें, 38 टैक्सियां और 50 इलेक्ट्रिक टैक्सियां संचालित की जा रही हैं।

रोजगार परिदृश्य:

  • PLFS 2023-24 के अनुसार हिमाचल प्रदेश का श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 60.5% रहा, जो उत्तराखंड (46.2%), पंजाब (43.7%) और हरियाणा (37.4%) से अधिक है।

यह आर्थिक सर्वेक्षण हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विकासशील और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूती से बढ़ने का संकेत देता है।