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ऊना जिले में सबसे अधिक 3,000 लोगों को झांसे में लेकर मोटी रकम हड़पी, कई अन्य जिलों में भी मामला सामने आया
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सरकार ने सोसायटी के विघटन की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन जांच किसी भी एजेंसी को नहीं सौंपी गई
Himachal cooperative society scam: हिमाचल प्रदेश में ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी ने बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। इस सोसायटी ने ऊंचे ब्याज दर का लालच देकर हजारों लोगों को अपने जाल में फंसाया और करोड़ों रुपये लेकर भाग गई। ठगी के मामले सबसे ज्यादा शिमला, ऊना, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा और बिलासपुर जिलों से सामने आए हैं।
सोसायटी ने 9 से 14 प्रतिशत तक ब्याज देने का वादा कर लोगों को लुभाया। लेकिन जब इसका दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय बंद हो गया और कई नोटिस जारी करने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया, तो सरकार ने इसे भंग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस फैसले के बाद अब निवेशकों को केवल संपत्तियों की नीलामी से ही अपनी रकम वापस मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसमें लंबा समय लग सकता है।
ऊना जिले में इस ठगी से सबसे अधिक 3,000 लोग प्रभावित हुए हैं। जिले में नौ केंद्र संचालित किए जा रहे थे, जिनमें हर केंद्र पर औसतन 350 निवेशक थे और प्रत्येक केंद्र में ढाई से तीन करोड़ रुपये तक का निवेश किया गया था। इसी तरह, कांगड़ा में भी 150 से अधिक लोगों की रकम डूब गई है। झंडूता क्षेत्र में 100 से अधिक लोगों के करीब 20 लाख रुपये की ठगी की गई।
अब तक जांच नहीं हुई
हैरान करने वाली बात यह है कि करोड़ों रुपये की इस धोखाधड़ी के बावजूद अभी तक किसी भी जांच एजेंसी को मामला सौंपा नहीं गया है। निवेशकों और सुविधा केंद्र संचालकों ने प्रदेश पुलिस महानिदेशक, सीआईडी महानिदेशक, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक शिकायत भेजी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
एसआईटी या सीआईडी को जांच सौंपी जानी चाहिए ताकि इस घोटाले के पीछे शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जा सके। सोलन जिले में भी आठ सुविधा केंद्रों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई है।
अब निवेशक दिल्ली जाकर अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं और गृह मंत्री अमित शाह तक न्याय की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन इस घोटाले का असली मास्टरमाइंड कौन है और कितनी संपत्ति अवैध रूप से कमाई गई है, इसका खुलासा होना अभी बाकी है।