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कांगड़ा पुलिस ने शिक्षण संस्थानों के पास अवैध तंबाकू बिक्री पर की सख्ती, 1480 किलो प्रतिबंधित तंबाकू जब्त, 115 दुकानदारों के चालान

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  • कांगड़ा पुलिस का शिक्षण संस्थानों के पास अवैध तंबाकू बिक्री के खिलाफ विशेष अभियान।
  • 1480 किलो प्रतिबंधित तंबाकू और 1.5 टन अन्य उत्पाद जब्त।
  • 115 दुकानदारों के चालान, छह एफआईआर दर्ज।

हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा पुलिस ने गुरुवार को शिक्षण संस्थानों के आसपास अवैध तंबाकू बिक्री रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया। इस दौरान जिले के 25 स्थानों पर छापेमारी कर 1480 किलो प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद और करीब 1.5 टन अन्य तंबाकू उत्पाद जब्त किए गए। पुलिस की इस कार्रवाई से अवैध तंबाकू विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है।

इस अभियान के तहत पुलिस ने 115 दुकानदारों के चालान काटे और हिमाचल प्रदेश प्रॉहिबिटेशन ऑफ सेल ऑफ लूज सिगरेट एंड बीड़ी एक्ट, 2016 के तहत छह एफआईआर भी दर्ज की गईं। पुलिस का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी ताकि शिक्षण संस्थानों के आसपास अवैध तंबाकू बिक्री को पूरी तरह रोका जा सके।

शिक्षण संस्थानों के पास तंबाकू बिक्री पर सख्ती

सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003 के अनुसार, 18 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। इसके अलावा, किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी पूरी तरह प्रतिबंध है।

बिना लाइसेंस तंबाकू बेचने पर कड़ी सजा

हिमाचल प्रदेश में तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना पंजीकरण खुले में सिगरेट बेचने पर पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। दूसरी बार यही अपराध करने पर 15 हजार रुपये का दंड देना होता है।

अब सभी तंबाकू रिटेल विक्रेताओं को अधिकृत अधिकारी के पास पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसकी वैधता तीन साल की होगी। बिना लाइसेंस तंबाकू उत्पाद बेचने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन महीने तक की जेल का प्रावधान है। वहीं, यदि कोई व्यक्ति दोबारा यह अपराध करता है, तो उसे एक साल की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

सरकार और पुलिस प्रशासन की इस सख्ती का उद्देश्य तंबाकू उत्पादों के अवैध व्यापार पर पूरी तरह नियंत्रण पाना और युवाओं को तंबाकू से दूर रखना है।