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मंडी की ललिता शर्मा भारतीय खेल प्राधिकरण की डिप्टी डायरेक्टर जनरल बनीं

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मंडी की ललिता शर्मा भारतीय खेल प्राधिकरण में उपमहानिदेशक के पद पर तैनात हुई हैं। प्रदेश की वह पहली ऐसी महिला होगी जो इतने बड़े ओहदे पर पहुंची है। वह पहली जनवरी को इस पद को संभालेंगी। मंडी में इसे लेकर खुशी का माहौल है। ललिता शर्मा भारतीय खेल प्राधिकरण में इस समय एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर पूरे उत्तरी क्षेत्र को संभाल रही है।

अब उसे पदोन्नति देकर उप महानिदेशक यानि बनाया गया है जिससे पूरे खेल जगत में खुशी की लहर है। वह भारतीय खेल प्राधिकरण में इस मुकाम पर पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। बता दें कि ललिता शर्मा मंडी शहर के सामखेतर मोहल्ले की रहने वाली हैं तथा जाने-माने इंजीनियर और समाजसेवी हरीश्चंद्र शर्मा की धर्म पत्नीहै।

ललिता शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय कन्या पाठशाला मंडी से प्राप्त करने के बाद स्नातक की डिग्री महाविद्यालय, मंडी से व एमबीए की डिग्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से प्राप्त की। हर्ष का विषय यह भी है की हाल ही में उन्होंने स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में सीटी विश्वविद्यालय, लुधियाना से पीएचडी की डिग्री हासिल की है

ललिता शर्मा हिमाचल प्रदेश की जानी-मानी बैडमिंटन खिलाड़ी रही है जो कि अपने समय की हिमाचल प्रदेश की जूनियर और सीनियर वर्ग की चैंपियन होने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने अपनी खेल प्रतिभा का लोहा बनवाया था। उनकी इस प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 1985 में उन्हें हिमाचल प्रदेश की पहले “स्पोर्ट्स क्वीन” के किताब से नवाजा गया था जिसका ताज उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पहनाया था।

ललिता शर्मा ने भारतीय खेल प्राधिकरण जून 1989 में बतौर सहायक निदेशक के पद पर साई खेल प्रशिक्षण केंद्र बिलासपुर में अपने सर्विस करियर की शुरुआत की थी और वहां उनका कार्यकाल लगभग 6 वर्ष का रहा। इस दौरान उन्होंने इस केंद्र से बहुत से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भारत को दिए तथा बिलासपुर में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया। इसके बाद उन्हें  साई खेल प्रशिक्षण केंद्र धर्मशाला का इंचार्ज बनाया गया जहां उन्होंने उस केंद्र को महिलाओं के लिए आरक्षित करवाया तथा कई अंतरराष्ट्रीय महिला

खिलाड़ियों को तराशा। इसके अलावा उन्होंने धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम, आउटडोर एथलेटिक स्टेडियम व बहुउद्देशीय खेल इनडोर स्टेडियम बनाने मंे अपनी अहम भूमिका निभाई। उनके इस सराहनीय कार्य को देखते हुए उन्हें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खेल पुरस्कार से नवाजा। 2000 में उनको उपनिदेशक की पदोन्नति मिली। उन्होंने इस दौरान  पटियाला में अपनी सेवाएं दी। सन 2006 में वह हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर में स्टेट्यूटरी ऑफिसर बनकर छात्र कल्याण विभाग का कार्यभार 2012 तक संभाला तथा विश्वविद्यालय में अपनी कार्यक्षमता की अमिट छाप छोड़ी। 2012 में उन्हें आइआइटी मंडी में डिप्टी रजिस्ट्रार की नियुक्ति मिली जहां उन्होंने 2 वर्ष तक कार्य किया तथा बहुत से सराहनीय कार्य किये।

2014 में उन्हें डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति मिली और उन्होंने डायरेक्टर इंचार्ज साईं उतरी क्षेत्र, सोनीपत का कार्यभार संभाला। सन 2019 में उन्हें रीजनल डायरेक्टर तथा 2021 में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की पदोन्नति मिली। इस दौरान उन्होंने रिजनल सेंटर, चंडीगढ़ रिजनल सेंटर, सोनीपत तथा हेड ऑफिस, दिल्ली में अपनी सेवाएं दी। ज्यादा कर समय वह उतरी क्षेत्र की इंचार्ज रही। बता दे कि उनकी एडमिनिस्ट्रेशन में कार्यकुशलता के कारण पिछले ओलंपिक व एशियाई खेलों में उत्तरी भारत का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा और यहां के खिलाड़ियों ने भारत वर्ष के लिए अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा पदक जीते।

ललिता शर्मा की कार्य निपुणता व उनके खेल जगत में अहम  योगदान को देखते हुए उन्हें “बेस्ट सिटिजन आफ इंडिया” व “राष्ट्रीय विद्या सम्मान पुरस्कार” से भी नवाजा गया है ललिता शर्मा की इन उपलब्धियों से जहां एक ओर हिमाचल का नाम रोशन हुआ है वहीं दूसरी ओर पूरे हिमाचल प्रदेश में खुशी का माहौल है।