हिमाचल प्रदेश के कई छात्र यूक्रेन में अभी भी फंसे हैं। सेफ इलाकों में जो छात्र थे उन्हें तो निकाल लिया गया है लेकिन जो छात्र अभी भी हमले वाले स्थानों पर फंसें हैं उनके लिए अभी तक कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है। ये छात्र पिछले कई दिनों से मैट्रो के बंकर्स में रह रहे हैं और इनके पास खान पान की व्यवस्था तक नहीं है।
अब कांगड़ा जिला के फतेहपुर स्थित स्थाना गांव के 22 वर्षीय युवक परिजनों से बाहर निकालने की गुहार लगाई है। डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे अनिरुद्ध का कहना है कि पिछले कई दिनों से वे भूख प्यासे एक बंकर में छिपे हैं। जब कभी वे बाहर निकलने की सोचते हैं तो अचानक बंबारी की आवाज सुनाई देती है और वे फिर वहीं छिपकर बैठ जाते हैं। कई दफ़ा एंबैसी को कॉल किया लेकिन अभी तक कोई अपडेट उनकी तरफ से नहीं है।
सेफ इलाकों में जो बच्चे फंसे हैं उन्हें तो बाहर निकाल लिया गया है लेकिन अभी भी कई छात्र ऐसे हैं जो बंकर में छिपे बैठे हैं। इनमें भारतीयों को संख्या सबसे ज्यादा है। अब तो हालात ऐसे हैं कि युवतियों को उठाकर ले जाया जा रहा है और लड़कों का मार रहे हैं।
वहीं, अनिरुद्ध की मां ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1100 पर सारी डिटेल भेज दी हैं। मैं चाहती हूं कि जिस तरह कुछ बच्चे भारत लौटे उसी तरह सभी भारतीय सुरक्षित घर लौट आएं। एंबैसी वाले भी उनका फोन नहीं उठा रहे हैं जिससे बच्चे ज्यादा सहमे हुए हैं।
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