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“स्कूलों में जरूरत से अधिक अध्यापकों के होंगे तबादले”

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प्रदेश के स्कूलों में आवश्यकता से अधिक नियुक्त शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। एक शिक्षक के सहारे प्रदेश में कोई भी स्कूल न रहे, इसके लिए शिक्षकों के युक्तिकरण के निर्देश जारी किए गए हैं। बुधवार को राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में 10 बच्चों से अधिक संख्या वाला कोई भी स्कूल एक शिक्षक के सहारे नहीं रहना चाहिए।

उन्होंने इन स्कूलों में ऐसे शिक्षकों को भेजने के निर्देश जो अन्य स्कूलों में आवश्यकता से अधिक नियुक्त हैं। बैठक में शिक्षकों की नई भर्तियां हाेने तक फिक्स वेतन पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाएं लेने को लेकर भी चर्चा हुई। इस मामले को सरकार की मंजूरी के लिए भेजने का फैसला लिया गया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नया भर्ती आयोग गठित होने तक अस्थायी व्यवस्था करते हुए सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाएं ली जा सकती हैं।

सेवानिवृत्त शिक्षकों को एक फिक्स वेतन पर नियुक्त किया जाएगा। उन्हें अपनी पेंशन इसके अलावा मिलती रहेगी। सेवाएं देने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों से आवेदन मांगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सीधी और बैचवाइज भर्ती के अलावा पदोन्नतियों के माध्यम से शिक्षकों के पद भरे जा रहे हैं। नया भर्ती आयोग गठित होते ही ही प्रदेश में 6,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। उधर, बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को विधानसभा के मानसून सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी रखने को कहा।

प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती, बीआरसीसी नियुक्ति का बढ़ा इंतजार

प्रदेश में 4,700 प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव वीरवार को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं जाएगा। बीआरसीसी की नियुक्तियों को लेकर बनाए जाने वाले नियमों पर भी मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा नहीं होगी। शिक्षा विभाग के इन दोनों प्रस्तावों में पेच फंस गया है।