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एमएस रामचंद्र राव बने हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में एमएस रामचंद्र राव ने राजभवन में शपथ ली. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मुख्य न्यायाधीश को पद एवम गोपनीयता की शपथ दिलाई.

इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियाँ सहित कई नेता व अधिकारी मौजूद रहे.

न्यायमूर्ति राव का जन्म 7 अगस्त, 1966 को हैदराबाद में हुआ था. 7 सितंबर, 1989 को एक वकील के रूप में उनका नामांकन हुआ था. 1991 बैच के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे रामचंद्र राव को अपने मास्टर्स कोर्स के लिए कैंब्रिज कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, बैंक ऑफ क्रेडिट और कॉमर्स इंटरनेशनल स्कॉलरशिप और इनर टेंपल के स्कॉलरशिप ट्रस्ट से पेगासस स्कॉलरशिप से भी सम्मानित किया गया है.

उनके पिता न्यायमूर्ति एम जगन्नाथ राव भी न्यायाधीश थे. शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति राव ने कहा की लोगों को जल्द में सस्ता न्याय मिले इसके लिए काम किया जायेगा. जो मामले लंबित पड़े हैं. उनको जल्द निबटाने की दिशा में काम किया जायेगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने मुख्य न्यायधीश को बधाई दी और कहा की उनके न्यायधीश बनने से न्याय व्यवस्था को बल मिलेगा व लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा होगा.

न्यायमूर्ति राव को 29 जून, 2012 को आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. आंध्र प्रदेश राज्य के विभाजन के बाद उन्होंने तेलंगाना को अपने मूल हाईकोर्ट के रूप में चुना. उन्हें 12 अक्तूबर, 2021 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था. जहां वह अभी तक न्यायाधीश थे.