बिलासपुर की खैरियां डंपिंग साईट पर तीन पंचायत के पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने कूड़ा उतारने नहीं दिया। जिसके चलते शहर में नप की कूड़े से भरी गाडिय़ां ज्यों के त्यों धरी रह गई। वहीं, हफ्ते के छठे दिन भी लोगों के घरों से कूड़ा नहीं उठा। जिससे की शहर में बिमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। लोगों ने डंपिंग साईट पर रविवार को जमकर जिला प्रशासन और नगर परिषद के खिलाफ नारेबाजी की।
उल्लेखनीय है कि खैरियां,बामटा और बल्ह बुल्वाणा पंचायत के प्रतिनिधियों और लोगों का आरोप है कि खैरियां डंपिंग साईट पर कूड़े के साथ पशुओं को भी जलाया जा रहा है। वहीं, इस कूड़े को गोविंद सागर झील में भी फैं का जा रहा है। जिसके कारण आसपास का वातावरण तो दूषित हो ही रहा है। लेकिन बिलासपुर और पंजाब के लोगों को दूषित पानी पिलाया जा रहा है। जो कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ सीधे-सीधे खिलवाड़ है।
वहीं, बामटा पंचायत की प्रधान सीमा चंदेल ने नप पर आरोप लगाया है कि नप डंपिंग साईट पर गऊओं को जला रहा है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले इस डंपिंग साईट को बदलने की बात प्रशासन की तरफ से कही गई थी। लेकिन आज तक इस को नही बदला गया उन्होंने कहा कि शनिवार शाम को नगर परिषद ने पुलिस की सहायता से साईट का ताला तोड़ा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इस डंपिंग साईट पर कूड़ा उतरने नहीं देगें चाहे उन्हें आंदोलन करना पड़े इसलिए नप कूड़ा डंप करने के लिए अन्य स्थान का प्रावधान करे।