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बिलासपुर जिला को टीबी मुक्त करने के लिए समीक्षा बैठक का आयोजन

डेस्क |

जिला बिलासपुर को टीबी मुक्त बनाने के लिए आज स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से बचत भवन में बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने की।

इस अवसर पर उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिला में एक्टिव कैस फाइंडिंग अभियान फिर से चलाया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि इस बार क्षय रोगियों की पहचान होने पर उनके परिवार के सभी सदस्य सहित कार्यस्थल पर भी उनके साथ के लोगों की जांच की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जिला के सभी बड़े उद्योगों और कार्य स्थलों में कैंप के माध्यम से रोगियों की पहचान की जाएगी। इसके अतरिक्त जिला के सभी शिक्षण संस्थानों में क्षय के प्रति जागरूक किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि क्षय रोगियों की पहचान करना बहुत बड़ी चुनौती है जिसके लिए उन्होंने आईसीआईसीआई फाउंडेशन के माध्यम से सीएसआर फंड से हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन आयत किया गया है। इस अत्याधुनिक मशीन के माध्यम से कुछ मिनटों में ही क्षय रोगियों की पहचान की जा सकती है। इस मशीन के माध्यम से जिला के सुदूर गांवों तक टीबी मरीजों की पहचान सुगम होगी ।

इस बैठक में उपायुक्त ने केमिस्ट एसोसिएशन से जिला को टीबी मुक्त करने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी औषधि विक्रेता दवाइयां बेचते समय इस्तेमाल किए जाने वाले बैग पर क्षयरोग से संबंधित आईसी सामग्री यानी सूचना शिक्षा संचार प्रिंट करे ताकि लोग जागरूक हो।

इसके अतिरिक्त केमिस्ट एसोसिएशन को खांसी की दवाई बेचते समय मरीज की सूचना एकत्र करनी होगी जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग औषधि विक्रेता के लिए एक ऐप उपलब्ध करवाएगी। ऐप में दवाई खरीदने वाले व्यक्ति का नाम व पता जोड़ने पर स्वास्थ्य विभाग उसे व्यक्ति की जांच करेगा।

उन्होंने बताया कि टीबी रोग के उन्मूलन मरीजों को मंदिर न्यास के माध्यम से गोद लिया जाएगा इसके अतिरिक्त कॉर्पोरेट संस्थान सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान निक्षय मित्र
बनाकर से रोगियों की मदद की जाएगी। उन्होंने बताया कि सीएसआर के माध्यम से क्षय रोगियों को हाइजीन किट और न्यूट्रीशन किट दिए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में पंचायतों को क्षय रोग मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत पंचायतों में न्यूनतम 30 से 50 लोगों की जांच की जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी पंचायत में कैंप के माध्यम से लोगों की टीबी, मधुमय, उच्च रक्तचाप और एनीमिया की जांच की जाए।

बैठक में विशेष रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसलटेंट डॉक्टर रविंद्र ने भाग लिया।उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश को 2024 तक टीबी मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष अभियान पूरे जिले में पहले से चलाया है जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले है। लेकिन लेकिन टीबी को जड़ से खत्म करना एक चुनौती हैं। जिसके लिए सभी विभागों सभी गैर सरकारी संगठनों को मिलकर कार्य करना होगा।उन्होंने बताया कि जिला में अभी 441 क्षय रोगियों की पहचान कर उपचार चला है।