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हिमाचल के बीबीएन के दवा हब पर टिकी पाकिस्तान की सेहत! जानें व्यापार प्रतिबंध का क्‍या पड़ेगा असर

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  • पाकिस्तान ने दवा क्षेत्र को व्यापार प्रतिबंध से छूट देने की मांग की

  • हिमाचल का बीबीएन फार्मा हब वैश्विक चर्चा में आया

  • दवा आपूर्ति बंद होने से पाकिस्तान में स्वास्थ्य संकट गहराने की आशंका


BBN Pharma Hub India : पानी के बाद अब पाकिस्‍तमान दवाओं के लिए तरस सकता है। आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े एक्शन ने पाकिस्तान पर हर मोर्चे पर दबाव बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में अब पाकिस्तान ने दवा क्षेत्र को भारत के साथ व्यापार प्रतिबंध से छूट देने की अपील की है। पाकिस्तान के फार्मा उद्योग ने इस प्रतिबंध पर चिंता जताई है कि यदि भारत से दवाओं और सक्रिय दवा सामग्री (API) की आपूर्ति बंद रही, तो देश में गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार  पाकिस्तान दवाओं के कच्चे माल का 30 से 40 प्रतिशत भारत से आयात करता है। इसमें अधिकांश आपूर्ति हिमाचल प्रदेश के बीबीएन (बरोटीवाला, बद्दी, नालागढ़) फार्मा हब से होती है, जो न केवल भारत का बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा दवा उत्पादन केंद्र बन चुका है। बीबीएन से देश की 60 फीसदी और कांटिनेंट में 35 फीसदी दवाओं का उत्पादन होता है, जो इसे वैश्विक स्तर पर बेहद महत्वपूर्ण बनाता है।

इस समय बीबीएन हब की रणनीतिक भूमिका और भी प्रमुख हो गई है, क्योंकि भारत के व्यापारिक प्रतिबंधों के बीच दुनिया भर की निगाहें इस हब पर टिकी हैं। पाकिस्तानी फार्मा इंडस्ट्री ने आशंका जताई है कि अगर बीबीएन से दवाओं की सप्लाई ठप रही तो पाकिस्तान में जरूरी दवाओं की भारी किल्लत हो सकती है, खासकर कैंसर थेरेपी, एंटी-रेबीज वैक्सीन और एंटी-स्नेक वेनम जैसी जीवन रक्षक दवाओं की।

पाकिस्तान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (PPMA) का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को इस्लामाबाद में वाणिज्य मंत्रालय और ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) के अधिकारियों से मिला और दवा क्षेत्र को प्रतिबंध से बाहर रखने की मांग की।

हालांकि DRAP का दावा है कि वैकल्पिक स्रोतों के लिए चीन, रूस और यूरोप से संपर्क साधा जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत खासतौर पर बीबीएन से निर्भरता इतनी गहरी है कि विकल्प तलाशने में समय लगेगा। वहीं, पाकिस्तान में दवाओं के काले बाजार के बढ़ने का भी खतरा मंडरा रहा है।

बीबीएन फार्मा हब ने एक बार फिर अपनी विश्वसनीयता और रणनीतिक महत्व को साबित किया है, जहां से दवा उत्पादन न केवल भारत के लिए बल्कि कई देशों के स्वास्थ्य ढांचे के लिए रीढ़ का काम कर रहा है।