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एक साल में पूरी होगी करूणामूलक आधार पर लंबित भर्तियां: सुक्खू

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  • मुख्यमंत्री ने एक वर्ष में करूणामूलक भर्तियां पूरी करने का दिया निर्देश

  • वार्षिक आय सीमा 2.50 लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये की गई

  • विधवा व अनाथों को पहले चरण में मिलेगा रोजगार


Himachal Government: हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत देते हुए करूणामूलक आधार पर लंबित रोजगार मामलों को एक वर्ष के भीतर निपटाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस संबंध में सोमवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार की मानवीय संवेदनाओं से जुड़ी प्राथमिकता है कि जिन परिवारों के सदस्य किसी सरकारी सेवा में रहते हुए आकस्मिक निधन का शिकार हो गए, उनके परिजनों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार मिले। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इन भर्तियों की पात्रता के लिए आय सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जाएगा, जिससे अधिक आवेदक लाभान्वित हो सकें।

तीन चरणों में होगी प्रक्रिया

सीएम सुक्खू ने कहा कि लंबित मामलों को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।
पहले चरण में उन विधवाओं और 45 वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चों को रोजगार दिया जाएगा जिनके माता-पिता नहीं हैं। वर्तमान में राज्य में 141 विधवाएं और 159 अनाथ इस श्रेणी में शामिल हैं।
दूसरे चरण में कम वार्षिक आय वाले पात्र व्यक्तियों को मौका मिलेगा।
तीसरे चरण में शेष योग्य आवेदकों को नियुक्तियां प्रदान की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा, जिससे पात्र आवेदकों को वर्षों की प्रतीक्षा के बाद राहत मिले।

उच्चस्तरीय बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ मंत्री

इस अहम बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव एम. सुधा देवी, सचिव राकेश कंवर और सचिव विधि शरद कुमार लगवाल भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री सुक्खू के इस निर्णय को सामाजिक दृष्टि से बड़ा और संवेदनशील कदम माना जा रहा है, जिससे हजारों परिवारों को उम्मीद की नई रोशनी मिलेगी।