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रिटायरमेंट के बाद जलेबी-पकौड़े बेचने को मजूबर शिक्षक, 1000 की नाममात्र पेंशन ठुकराई

मृत्युंजय पुरी |

मृत्युंजय पुरी। हिमाचल प्रदेश में पेंशन को लेकर काफी हल्ला मचा हुआ है। काफी दिनों से कर्मचारी OPS की स्कीम की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको मिलाते हैं एक रिटायर्ड जेबीटी टीचर से… जो इन दिनों चाय, पकौड़ा और जलेबी बेचने को मजबूर हैं। ये हैं शाहपुर में रहने वाले तिलक शर्मा जिनकी शाहपुर बस स्टैंड में चाय की दुकान है।

1997 में अनुबंध पर नियुक्त हुए तिलक शर्मा की नियुक्ति रैत शिक्षा खंड के तहत एक स्‍कूल में हुई। 17 साल शिक्षा विभाग में सेवाएं देने के बाद तिलक शर्मा 2014 में रिटायर हुए। एनपीएस यानी न्‍यू पेंशन स्‍कीम कर्मचारी होने की वजह से उन्हें उनके ही 40 प्रतिशत पैसे पर एक हजार रुपये पेंशन की ऑफर दी गई। जिसे तिलक शर्मा ने ठुकरा दिया। आज भी वह पैसा एनएसडीएल के पास है।

तिलक शर्मा ने बताया यदि वह पुरानी पेंशन योजना के तहत होते तो आज उन्हें कम से कम 25000 रुपये पेंशन मिलनी थी। लेकिन एनपीएस ने उनका बुढ़ापा खराब कर दिया है। तिलक शर्मा मेलों में जलेबी और पकौड़ों का भी स्टाल आज 65 साल की उम्र में लगा रहे हैं।

एसोसिएशन ने की मांग

नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के कांगड़ा जिला प्रधान रजिंदर मन्हास ने कहा मेले में एक पूर्व विधायक को चूड़ी बेचते देख कर हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार ने पूर्व विधायकों को पेंशन शुरू की थी जो आज 90 हजार से ऊपर पहुंच गई है। रिटायर कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन वृद्धा पेंशन से भी कम रह गई है। देश के भविष्य निर्माता का बुढ़ापा इस एनपीएस ने खराब कर दिया है। मेले में जलेबी बेचने बाले तिलक शर्मा के साथ न्याय तभी हो सकता है जब सरकार पुरानी पेंशन की बहाली करे।

उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री ने बहुत कुछ एनपीएस कर्मचारियों को दिया है, जिससे कोई इन्‍कार नहीं कर सकता। इसमें 2009 की अधिसूचना प्रमुख है। जिला प्रधान ने आशा व्यक्त की कि मुख्यमंत्री इस खबर का संज्ञान लेकर जरूर एनपीएस कर्मचारियों के प्रति नरम ह्रदय से निर्णय लेकर सम्मानजनक पेंशन एनपीएस के रिटायर कर्मचारियों को प्रदान करें।