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शिमला: स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के आदेशों को लागू करवाने के लिए सीटू ने नगर निगम के बाहर किया प्रदर्शन

पी. चंद, शिमला |

रेहड़ी फड़ी तहबाजारी यूनियन सम्बन्धित सीटू ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 व वर्ष 2007 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करवाने के लिए नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। यूनियन ने निर्णय लिया है कि नगर निगम आयुक्त की तानाशाही व अफसरशाही के खिलाफ 11 दिसम्बर को नगर निगम कार्यालय पर 24 घण्टे तक दिन-रात का महापड़ाव किया जाएगा।

लगभग तीन घण्टे तक चले प्रदर्शन को सीटू राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, समरहिल के भूतपूर्व पार्षद राजीव ठाकुर टुन्नु, रमाकांत मिश्रा,बाबू राम,किशोरी ढटवालिया व सुरेंद्र बिट्टू आदि ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने खुला ऐलान किया कि जब तक स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 व वर्ष 2007 के आदेश को लागू नहीं किया जाता है तब यूनियन का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि देश की संसद व माननीय उच्चतम न्यायालय की अवमानना व उल्लंघन किसी भी रूप में मान्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति अथवा अधिकारी माननीय उच्चतम न्यायालय की सिफारिशों के उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर "कांटेम्पट ऑफ कोर्ट" का मुकद्दमा दायर करवाया जाएगा व एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि देश के कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने माननीय पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश का भी हवाला दिया जिसमें न्यायालय ने नगर निगम चंडीगढ़ व प्रशासन को साफ आदेश दिए हैं कि कीड़ी भी तहबाजारी को न उजाड़ा जाए क्योंकि यह माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना होगा।

सीटू ने कहा कि नगर निगम के आयुक्त पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आए हैं। फाइन की अधिकतम सीमा पांच सौ रुपये होने के बावजूद भी तहबाजारियों से जबरन दो हज़ार व इस से ज़्यादा फाइन वसूला जा रहा है। उनका सामान छीन कर फेंका जा रहा है व उन्हें उसे वापिस नहीं किया जा रहा है जबकि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 की धारा 19 स्पष्ट रूप से कहती है कि तहबाजारी से जब्त सामान चौबीस घण्टे के अंदर तहबाजारियों को वापिस लौटाया जाना चाहिए। यूनियन ने स्पष्ट किया है कि जब तक कानून की अवहेलना बन्द नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।