<p>शिमला सैहेब सोसाइटी के कर्मियों द्वारा चार दिन से जारी हड़ताल के चलते सफाई व्यवस्था अस्त व्यस्त हो चुकी है। घर-घर कूड़ा इक्कठा न करने के चलते अब जगह जगह कूड़े के ढेर दिखाई दे रहे है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वह कूड़ा कहां फैंके। वहीं, निगम प्रसाशन भी शिमला की सफाई व्यवस्था पर असफल नज़र आ रहा है।</p>
<p>सफाई कर्मियों की मांगो के लिए 11 सितंबर को AGM की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन बैठक को दौरान कोरम पूरा न होने से सफाई कर्मियों के मानदेय का मामला अटक गया है। नाराज सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। शिमला नगर निगम में सैहब सोसाइटी के 400 के लगभग सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को हर महीने 6 से 8 हजार रुपये मानदेय के रूप में दिए जाते हैं। </p>
<p>गौरतलब है कि इससे पहले भी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लंबी हड़ताल पर जा चुके हैं आखिरकार सफाई कर्मियों का थोड़ा बहुत पैसा बढ़ाकर और आश्वाशन देकर हड़ताल समाप्त हुई थी। सफाई कर्मचारियों ने घरों से कूड़ा एकत्रित करने से साफ मना कर दिया है और मांगे न माने जाने तक आंदोलन का ऐलान किया है। इस हड़ताल को लेकर शिमला के लोगों और नगर निगम दोनों की दिक्कतें बढ़ा दी है।</p>
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