जिला लाहौल स्पीति की स्पीति घाटी के बाद अब लाहौल घाटी में भी बर्फानी तेंदुए फल-फूल रहे हैं। वन विभाग में कार्यरत और लाहौल-स्पीति घाटी में साल 2010 से फोटोग्राफी कर रहे शिव कुमार ने बताया कि उसने सबसे पहले फरवरी 2017 में मयाड़ घाटी में बर्फानी तेंदुए को कैमरे में कैद किया था।
जिसके बाद दूसरी बार 29 दिसंबर को उदयपुर के समीप बर्फानी तेंदुए की मौजूदगी फिर से दर्ज की गई है। शिव कुमार ने बताया कि उन्होंने घाटी तीन जगह ट्रैप कैमरे फिट किए हैं, साथ ही वे लगातार भेड़ पालकों से भी संपर्क बनाए हुए हैं।
बर्फानी तेंदुए पर शोध कर रहे स्पीति वन्य प्राणी विभाग के आरओ देवेंद्र चौहान ने बताया कि हर साल स्पीति में सैकड़ों वन्य प्रेमी आते हैं लेकिन वे लाहौल घाटी नहीं जाते। उन्होंने कहा कि जो काम विशेषज्ञ नहीं कर पाए उसे वन्य प्राणी प्रेमी शिव कुमार ने कर दिखाया है।